गोठान के जुन्ना परम्परा ल फेर कायम करे ले खुश हें गाव वाले मन अऊ चरवाहा

कोयनार गोठान म पशु मन के होवत हे सरलग इलाज

रायपुर, राज्य सरकार के सुराजी गांव योजना के तहत गांव मन म गोठान के जुन्ना परम्परा फेर कायम होए ले गांव वाले मन अऊ चरवाहा मन खुश हें। बस्तर जिला के ग्राम पंचायत कोयनार के चालकीगुड़ा पारा म एक महीना पहिली बने गोठान म गांव वाले मन अपन मवेसी मन ल पानी पियाए अऊ इलाज बर लाए लगे हें। ये गोठान के संचालन के जवाबदारी गांव के मोगरा फूल महिला स्वसहायता ल सौंपे गए हे, जबकि पशु मन के देखरेख चरवाहा श्री देबो कश्यप करत हे।

चरवाहा श्री देबो कश्यप ह बताइस कि पुरखा मन ले ओखर परिवार गांव के मवेसी मन ल चराए के काम करत आवत हे, फेर पाछू दस-बारा साल पहिली चरवाही के काम बंद हो गे रहिस। वो ह बताइस कि पहिली गाय चराए के बदला ओ ल गांव के हर घर ले अनाज मिलत रहिस, वोकरे ले वोखर परिवार के गुजारा होत रहिस। चरवाही के काम बंद होए ले वो ल मजदूरी करना परत रहिस। श्री कश्यप ह कहिस कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कोति ले गोठान अऊ चरवाही के जुन्ना परम्परा ल फेर लागू करे ले गांव वाले मन ल सुविधा होही। वो ह बताइस कि अभी रोजाना 80 ले 85 गाय-बैल गोठान म आवत हे। अभी गोठान म पानी अऊ उपचार के व्यवस्था हे। पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर बीमार पशु मन के नियमित रूप ले मुफ्त इलाज करत हे। वो ह बताइस कि गोठान ले लगे करीबन चार एकड़ जमीन म पशु मन बर चारा लगाइए गए हे, फेर चारा ल बढ़े म अभी बेरा लागही। चालकीगुड़ा के किसान श्री संपत बघेल ह बताइस कि गोठान बने ले गांव वाले मन ल सुविधा हो गे हे। इहां मवेशि मन बर पानी अऊ उपचार दुनों के सुविधा हे। वो ह बताइस कि अभी तो चारो कोति बहुत चारा हे, फेर गर्मि मन म गोठान म पानी अऊ चारा के फायदा मवेशि मन ल मिलही। अइसनहे गांव के पनारागुड़ा पारा के किसान श्री गणपत मौर्य ह बताइस कि गोठान अऊ पनारागुड़ा के बीच के नरवा म पुल नइ बने के सेती ओ ह मवेसी मन ल गोठान म नइ ला पावत हे। पुल के बने बाद ऊंखर गांव के मनखे घलोक गोठान म मवेसी मन लाहीं।

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