मुख्यमंत्री ह शिक्षक बन सुनाईन भौंरा चलाय के कहानी, मुख्यमंत्री ह जब लइका मन ले पूछिन : दू भौंरा अऊ लइका तीन त कइसे खेलहू

  • भिलाई म ‘नींव अऊ भाखा पिटारा’ कार्यक्रम के करिन शुभारंभ

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज भिलाई म स्कूल शिक्षा विभाग अऊ लैग्वेज लर्निंग फांउडेशन कोति ले आयोजित ‘नींव अऊ भाखा पिटारा’ कार्यक्रम म शिक्षक बनके लइका मन ल ’चलव भौंरा चलाबो’ कहानी सुनाईन। ऊंखर कहानी सुनाए के अंदाज बिल्कुल नवा लर्निंग आउटकम के तरीका उपर आधारित रहिस। उमन लइका मन ले पहिली भौंरा के बारे म बताइन, फेर कहिन कि कहूं भौंरा दू अऊ लइका तीन होही त कइसे खेलहू। अइसनहे दिक्कत हेमा, भोला अऊ केशव के संग रहिस। मुख्यमंत्री ह लइका मन ले पूछिन, बतावव आप मन होतेव त कइसे खेलतेव, फेर बताइन कि पहिली दू लइका खेलहीं, जेखर भौंरा पहिली गिरही वो तीसर ल दे देही। मुख्यमंत्री ह जब खुद भौंरा चलाइन त सबो लइका खुशी ले झूम उठिन। मुख्यमंत्री आज वैशाली नगर भिलाई के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय म नींव अऊ भाखा पिटारा कार्यक्रम के शुभारंभ करिन। उमन इहां अटल टिंकरिंग लैब के लोकार्पण के संगेच सोया मिल्क के वितरण शुरू करिन। एखरे संगेच नींव कार्यक्रम संबंधित सामान अऊ भाखा पिटारा के विमोचन करत नींव कार्यक्रम के कक्षा के अवलोकन करिन।

मुख्यमंत्री श्री बघेल कार्यक्रम के बेरा म प्राथमिक शाला के लइका मन ल छत्तीसगढ़ी म भौंरा नाम के पाठ पढ़ाइन अऊ लइका मन के संग भोंरा चलाय के गतिविधि अऊ काकर भौंरा जादा बेरा तक टिक पाथे ये जांचत भाखा अऊ गणित ल एक संग कइसे पढ़ाए जाथे एकर एक आदर्श पाठ लइका मन के संग रोचक तरीका ले प्रस्तुत करिन। मुख्यमंत्री ह अटल टिंकरिंग लैब के उद्घाटन करके उहां लइका मन ले विज्ञान शिक्षण के बारे म बात करिन अऊ ओ मन ल कई ठन परयोग करत देखाइन। ये बेरा म राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी म चुने गए लइका मन के संग चर्चा घलोक करिन। ये मौका म राज्य म विज्ञान शिक्षा ल बढ़ावा देहे बर कबाड़ ले जुगाड़ मॉडल के प्रदर्शन अऊ जिला म गणित लैब बर तियार कई ठन सामान के प्रदर्शन घलोक करे गीस। मुख्यमंत्री ह ये बेरा म सुरेन्द्र पाण्डेय कोति ले लिखित सचित्र पुस्तक ’चलव भौंरा चलाबो’ के विमोचन घलोक करिन।

भाखा पिटारा:- भाखा अऊ साक्षरता संबंधित चुनौती मन के समाधान अऊ गुणवत्तापरक विकास बर एल. एल. एफ. कोति ले ‘भाषा पिटारा’ तियार करे गए हे। ये संग्रह म प्रारंभिक भाखा शिक्षण ले जुड़े कुल 10 मुख्य विषय (मौखिक भाखा विकास, अवाज जागरुकता, उभरती साक्षरता, आखर भंडार, डिकोडिंग, पठन अऊ ओखर रणनीति, पढ़ कर समझना, लेखन सीखना अऊ अकादमिक सहयोग) म 48 हैण्ड आउट अऊ 4 गतिविधि संग्रह (मौखिक भाखा विकास के गतिविधि, अवाज जागरुकता के गतिविधि, आखर भंडार के विकास के गतिविधि, डिकोडिंग सिखाए के गतिविधि) हे।

‘नींव’ :- अधिगम संवर्धन कार्यक्रम :- ये कार्यक्रम राजीव गाँधी शिक्षा मिशन अऊ राज्य शैक्षिक अनुसंधान अऊ प्रशिक्षण परिषद् रायपुर कोति ले लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन के संग मिलके दुर्ग जिला के दू ब्लॉक (पाटन अऊ दुर्ग) के 200 स्कूल मन म शुरू करे हे, जेखर से ये साल के आखरी तक 4 हजार लइका लाभान्वित होही। ये कार्यक्रम साल 2021 तक दुर्ग जिला के करीबन सबो स्कूल मन म संचालित करे जाना हे, जेखर से करीबन 20 हजार लइका मन ल लाभ मिलही। कार्यक्रम ले लइका मन के हिंदी भाखा विकास अऊ साक्षरता कौशल म विशेष सुधार होही। कक्षा 2 के आखरी तक लइका उभरत अइसन पाठक के तौर म आहीं जऊन अपन स्तर के पाठ प्रवाहपूर्वक पढ़ सकहीं अऊ अपन अनुभव के आधार म ओखर से मतलब निर्माण कर पाहीं। संगेच अपन अनुभव, विचार, कल्पना, अऊ भाव ल वाक्य म लिखे म सक्षम होहीं।

मुख्यमंत्री ह प्रायमरी स्कूल के लइका मन ल सुनाईन कहानी अऊ भौंरा चलाके देखाइन
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह आज दुर्ग जिला के भिलाई शहर के वैशाली नगर उच्चतर माध्यमिक शाला म स्कूल शिक्षा विभाग अऊ लैंग्वेज लर्निंग फाउण्डेशन कोति ले आयोजित ‘नींव अऊ भाखा पिटारा’ कार्यक्रम म प्रायमरी स्कूल के कक्‍छा 1 अऊ 2 के लइका मन ल कहानी सुनाईन। कहानी भौंरे के रहिस, उमन भौंरा चलाके लइका मन ल देखाइन अऊ लइका मन ल घलोक भौंरा चलाए ल कहिन। एमां ले कुछ लइका मन के मातृभाषा हिंदी रहिस अऊ कुछ लइका मन के छत्तीसगढ़ी। जब मुख्यमंत्री ह भौंरा ल देखात कहिन कि ये भौंरा हे तो मातृभाषा हिंदी वाले लइका मन ह कहिन, नहीं ये लट्टू हे। मुख्यमंत्री ह ए लइका मन ल फेर कहिन कि ये तो भौंरा ये तो ओ मन एला लट्टू कहे म अड़े रहिन। मुख्यमंत्री ह कहिन कि ए लइका मन ह अपन मातृभाषा म एला सीखे हें अऊ इही सेती अतना आत्मविश्वास ए मन ल अर्जित होय हे कि अतीक सब्बो मनखे मन के बीच घलोक अतीक छोटे लइका अपन बात पूरा आत्मविश्वास ले रखत हें।

मुख्यमंत्री ह लइका मन ल फेर ‘चलव भौंरा चलाबो’ कहानी सुनाईन। कहानी छत्तीसगढ़ी उपर रहिस। कहानी म एक जगा इतवार आखर आइस, मुख्यमंत्री ह लइका मन ले एखर मायने पूछिन। लइका मन ह कहिन कि संडे। मुख्यमंत्री ह कहिन कि आप मन तो बहुत होशियार हव। फेर उमन भोला अऊ केशव के कहानी सुनाईन जिंकर तिर दू भौंरा रहिस अऊ एला ओ मन खेलत रहिन। अचानक हेमा के आए ले ये सवाल होइस कि दू भौंरा तीन मनखे कइसे खेलहीं। उमन लइका मन ले ये पूछिन। फेर बताइन कि भोला अऊ केशव म ले जेखर भौंरा पहिली रूकही, ओखर भौंरा हेमा खेलेही अऊ फेर जइसे जइसे ये खेल बढ़त जाही। मुख्यमंत्री ह एक लइका ल जब भौंरा चलाए ल कहिन त ओ ह मुख्यमंत्री तीर आके कहिस कि आप मन रस्सी बांध दव (नेजी चढ़ा दव), मैं भौंरा चलाहूं। फेर मुख्यमंत्री ह रस्सी बांधीन अऊ ये लइका ह भौंरा चलाइस।

नींव के अच्छा फीडबैक मिलत हे
शिक्षक मन ह बताइन कि नींव योजना ले लइका मन के पढ़ाई म जबरदस्त सुधार आए हे। उंखर उपस्थिति बाढ़ गए हे काबर के पढ़े के समय उंखर बिक्‍कट मनोरंजन होवत हे। एखर से पहिली ओ मन शिक्षक ले केवल सुनत रहिन, अब ये प्रक्रिया म खुद हिस्सा लेवत हे। उहां उपस्थित शिक्षक अशिया इकबाल ह बताइस कि नींव बर सामान हमार शिक्षा विभाग के शिक्षक मन ही तियार करे हें। ये मां कहानी छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी दुनों भाषा मन म हे। कहानी अइसे तियार करे गए हे जेखर से लइका मन म जबरदस्त जिज्ञासा उत्पन्न होथे। उदाहरण बर एक गिलहरी के कहानी छत्तीसगढ़ी भाखा म एक ठन आमा के रूख राहय, ओमा एक ठन चिटरा रहाय। इहां ले लइका मन बर दिलचस्पी बनथे अऊ फेर शिक्षक लइका मन ले ही आगू के कहानी के बारे म पूछथें। इहां बताना जरूरी हे कि नींव कार्यक्रम राजीव गांधी शिक्षा मिशन अऊ एनसीईआरटी कोति ले एलएलएफ के संग मिलके दुर्ग जिला के 200 स्कूल मन म सुरू करे गए हे। पहिली साल के आखरी तक एखर से चार हजार लइका लाभान्वित होही। 2021 तक ये वाले कार्यक्रम दुर्ग के सबो स्कूल मन म संचालित होही। जेखर से करीबन 20 हजार पढ़ईया लईका मन ल लाभ पहुंचही अऊ लइका स्वतंत्र अऊ अर्थपूर्ण अध्ययन कर पाहीं।

अटल टिंकरिंग लैब के करिन अवलोकन
मुख्यमंत्री ह अटल टिंकरिंग लैब के घलोक अवलोकन करिन। इहां लइका मन ह कई प्रकार के मॉडल बनाये रहिन। ये मां ले एक मॉडल नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के ऊपर घलोक रहिस। एला लक्ष्मी, सुधा अऊ उंखर सहेली मन ह तियार करे रहिन। मुख्यमंत्री ह एखर से पूछिन कि ये माडल म काम करे के विचार कइसे आइस। सुधा ह बताइस कि आप मन ही तो नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी, छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी के टैगलाइन देहे हव त हमन घलोक ए चिन्हारी मन ल मॉडल के रूप म बनाएन। दुर्गा भारती ह साइल माइश्चर अऊ ह्यूमिडिटी मीटर बनाय रहिन। मुख्यमंत्री ल ओ हर बताइस कि पानी के एक-एक बूंद अमूल्य हे। एखर माध्यम ले किसान सबसे कम पानी म अच्छा फसल ले सकही। सबीना फिरदौर ह घलोक अपन मॉडल मुख्यमंत्री ल देखाइस। सबीना ह बताइस कि ये मिट्टी के पीएच ल आसानी ले नापथे। पीएच के मूल्यांकन ले फसल के संबंध म निर्णय लेना आसान होथे।

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