तुतारी – बधई तो बधई होथे।

तुतारी – बधई तो बधई होथे। हम ल तुँहर बोली भाखा, रहन सहन, रीत रिवाज अउ संस्कृति ले का लेना देना हे साहेब ! बधई देके तुँहर नजर म चढ़के टिकट के जुगाड़ भर तो करना हे। अउ अइसे भी बधई गाड़ा गाड़ा या ट्रेक्टर के ट्राली म भर भरके दे, चाहे लदबद-ले गाढ़ा गाढ़ा या पातर पनियर दे बधई तो बधई होथे। टिकट के जुगाड़ नइ होही त बागी होके आगी ढीलना हे, नइते पाला बदलके पर के रागी हो जाना हे। छत्तीसगढ़िया मन ल का चाही ? बस…

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हसाहित्यकार मन ल तीन श्रेनी में ‘‘छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान’’ दिये जाए के घोषणा करिस।

रायपुर, 15 अगस्त 2023 मुख्यमंत्री श्री बघेल ह प्रदेश के साहित्यिक वातावरण ल अउ जादा सुदृढ़ करे ब साहित्यकार मन ल तीन श्रेनी में ‘‘छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान’’ दिये जाए के घोषणा करिस। पहला – छत्तीसगढ़ी अउ अन्य बोली जईसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुरुख आदि में लिखे गये साहित्य ब। दूसरा – हिंदी में लिखे गये पद्य ब। तीसरा – हिंदी में लिखे गये गद्य ब ए सम्मान दिए जाही। हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकार मन 5 लाख रूपिया नगद अउ प्रशस्ति पत्र प्रदान करे जाही

तुतारी – का आदमी अस

हम तो अतके चाहत रेहेन साहेब कि हमर छत्तीसगढ़ी बाचे राहय, हिन्दी ल बने ढंगलगहा बोले बताए अउ लिखे उचारे बर जान सीख लेवन तेकर पीछू अंग्रेजी के पूछी ल धरतेन, फेर इहाँ तो सबे खदर बदर होवत हे। का आदमी अस अपन भासा के बोल न जाने,                   अपन भासा के मोल न जाने।                   जनम देवईया जग के पहिली,                    माँ सबद के तोल…