मुख्यमंत्री के पहल म शुरू होइस पोषण पुनर्वास केंद्र म खिले लगिस बचपन

डेढ़ महीना के भीतर 8 लइका मन के चेहरा म लहुटिस मुस्कान

रायपुर, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई म पोषण पुनर्वास केंद्र मन के बड़का भूमिका हे। पोषण पुनर्वास केंद्र मन के माध्यम ले कुपोषित लइका मन के जीवन म सेहत के बहार लाय के कोसिस ल बिक्‍कट सफलता मिले हे अऊ कई लइका मन के चेहरा म मुस्कान लहुट आए हे। पाटन के पोषण पुनर्वास केन्द्र घलोक अब कुपोषण मुक्ति के अभियान म सहभागिता निभाए लगे हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कोति ले महात्मा गांधी के जयंती के अवसर म 2 अकटूबर 2019 ल पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र म मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के संग पोषण पुनर्वास केंद्र के घलोक शुभारंभ करे गए रहिस। तब ले लेके अब तक 8 लइका मन ल पोषण पुनर्वास केंद्र म भर्ती करके लाभ पहुंचाए गए हे।

पोषण पुनर्वास केंद्र म आए के बाद न केवल लइका मन के सेहत म सुधार होए हे भलुक कई लइका जऊन पहिली बिक्‍कट चिड़चिड़हा अऊ सुस्त रहिन ओ मन अब स्वस्थ अऊ हंसमुख हो गे हें। पाटन ब्लाक के ठकुराइन टोला निवासी कल्याणी अऊ भारत के करीब ढाई साल के बेटा गगन जब पोषण पुनर्वास केंद्र म आइस त ओखर वजन बिक्‍कट कम करीबन 8 किलो 400 ग्राम रहिस। ढाई साल के लइका म जऊन चंचलता अऊ चपलता होना चाही वो गगन म नजर नइ आत रहिस । मां बाप घलोक परेशान रहत रहिन। एखर बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मन ह गगन के मां ल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र म जांच करवाए के सलाह दीन। जांच के बाद डॉक्टर ह बताइस कि लइका गंभीर रूप ले कुपोषित हे अऊ ओला विशेष देखभाल के जरूरत हे। एखर बाद पोषण पुनर्वास केंद्र म ओखर देखभाल शुरू करे गीस। अच्छा पोषण के संगें-संग अच्छा इलाज घलोक उपलब्‍ध कराए गीस। सिरिफ 15 दिन के भीतर गगन के वजन म करीबन 2 किलोग्राम के बढ़ोतरी हो गीस। इतना ही नइ सुस्त सा रहन वाला गगन अब इतना चंचल होइस कि पूरा वार्ड म ओखर हंसी अऊ किलकारी गूंजे लगिस। बठेना के रहइया मधु अऊ सुनील वर्मा के 3 साल के बेटा पूरब के कहानी घलोक अइसनहे हे। पूरब के वजन घलोक करीबन 10 किलोग्राम रहिस। पोषण पुनर्वास केंद्र म आए ले पहिली पूरब के स्वभाव बिक्‍कट चिड़चिड़ा रहिस। कमजोरी अऊ बीमारी के सेती वो न ठीक ले खात रहिस न खेलत रहिस। फेर पोषण पुनर्वास केंद्र म रहे के बाद पूरब पहिली ले बिक्‍कट सक्रिय हो गीस। संगेच ओखर खुराक म घलोक अच्छा बढ़ोतरी होइस। जेखर परिणाम स्वरूप न केवल ओखर वजन बाढि़स भलुक सेहत म घलोक सुधार होइस।

पोषण पुनर्वास केंद्र म श्रीमती अनीता ह बताइस कि वोखर 9 महीना के बेटा बीनेश के स्वास्थ्य म इहां बिक्‍कट सुधार होए हे। पहिली बेटा अबड़ चिड़चिड़ा रहिस ठीक से दूध नइ पीत रहिस अऊ ओखर वजन घलोक नइ बाढ़त रहिस। फेर पोषण पुनर्वास केंद्र म ओला अऊ ओखर बेटा ल बहुत अच्छा देखभाल मिलीस। अइसनहे फुंडा बस्ती के पूनम के बेटी दिव्या गंभीर कुपोषित अवस्था म 6 महीना के उमर म पोषण पुनर्वास केंद्र म आए रहिस। भर्ती के समय दिव्या के भजन 3.96 किलोग्राम रहिस 15 दिन के सतत देखभाल अऊ इलाज ले दिव्या के सेहत म बिक्‍कट सुधार होए हे। अइसनहे बेंद्री के अंजू अऊ मुकेश ठाकुर के 11 महीना के बेटा सूर्या, सेवती अऊ जितेंद्र के बेटी होमेश्वरी अऊ अखरा बस्ती के चिंकी ल पोषण पुनर्वास केंद्र म रखके उंखर देखभाल करे जात हे, जेखर से उंखर सेहत म बने सुधार आवत हे।

पोषण पुनर्वास केंद्र म दिल के मरीज 9 महिना के दाऊ के घलोक होवत हे देखभाल
पाटन के बीपीएम पूनम साहू ह बताइस कि चिरायु टीम कोति ले आंगनवाड़ी केंद्र म लइका मन के नियमित स्वास्थ्य जांच करे जाथे। ये दौरान पता लगिस कि 9 महीना के दाऊ ल दिल के बीमारी हे अऊ वो अबड़ कमजोर हे। डॉक्टर ह जांच के बाद बताइस कि ऑपरेशन करवाना होही, फेर एखर से पहिली दाऊ ल अच्छा देखभाल के जरूरत हे। ओला पोषण पुनर्वास केंद्र म रिफर करे गीस जेखर से ओखर पोषण स्तर म सुधार आ सकय। जल्दीच दाऊ के दिल के ऑपरेशन करवाए जाही।

पाटन ब्लॉक के विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशीष शर्मा ह बताइस कि पोषण पुनर्वास केंद्र म अइसन लइका मन ल ही रखे जात हे जेमन ल गंभीर तीव्र कुपोषण होथे। समय ले एखर पहिचान करके पोषण अनुपूरण अऊ चिकित्सकीय इलाज अऊ माता ल परामर्श देके सुधार करे जात हे। पोषण पुनर्वास केंद्र म 15 दिन तक लइका के विशेष देखभाल करे जाथे। ये दौरान लइका के मां बर घलोक केयरटेकर के रूप म रहे अऊ अच्छा भोजन के व्यवस्था करे जाथे।

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