रबी फसल मन बर प्रधानमंत्री फसल बीमा के आवेदन 31 दिसंबर तक

दुर्ग जिला म चना, गेहूं, राई-सरसों अऊ अलसी बर होही फसल बीमा

दुर्ग, रबी के मौसम म प्रधानमंत्री फसल बीमा के लाभ उठाए बर किसान भाई अपन नजदीकी सहकारी समिति, बैंक अउ एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी, लोक सेवा केंद्र म जाके 31 दिसंबर 2019 तक आवेदन कर सकत हें।

रबी मौसम साल बर ऋणी अउ अऋणी किसान मन के बीमा के आखरी तारीक 31 दिसंबर हे। ये योजना ऋणी कृषक मन बर अनिवार्य अउ अऋणी कृषक मन बर स्वैच्छिक आधार म लागू होही। अधिसूचित फसल उबजइया सबो गैर ऋणी कृषक जऊन ये योजना म सामिल होए के इच्छुक हें ओ मन जरूरी कागद जमा करके योजना म सामिल हो सकत हें।

फसल बीमा बर अधिसूचित फसल– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बर दुर्ग जिला म अधिसूचित फसल ये प्रकार ले हे- गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, चना राई-सरसों अऊ अलसी।

फसल बीमा योजना बर जरूरी कागद – योजना के तहत ऋणी किसान मन के बीमा अनिवार्य रूप ले संबंधित सहकारी समिति या बैंक कोति ले करे जाही। एखर बर ऋणी किसान ल घोषणा पत्र अऊ बुवाई के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होही। अऋणी किसान ल फसल बीमा योजना के लाभ उठाए बर बैंक सहकारी समिति या लोक सेवा केंद्र म बीमा प्रस्ताव के फॉर्म भरना होही। एखर अलावा किसान ल आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के मालिकाना के साक्ष्य जइसे बी 1, पाँचसाला, किराएदारी, साझेदारी किसान के कागद, घोषणा पत्र अऊ बुवाई के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होही।

प्रीमियम के राशि– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गेहूं सिंचित के ऋणमान प्रति हेक्टेयर 30 हजार अऊ गेहूं असिंचित के ऋणमान 22 हजार रुपिया प्रति हेक्टेयर हे। ये राशि के डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम किसान ल देना परही ये प्रकार गेहूं सिंचित बर 450 रुपिया प्रति हेक्टेयर अऊ गेहूं असिंचित बर 330 रुपिया प्रति हेक्टेयर प्रीमियम देना होही। एखर अलावा चना फसल बर 555 रुपिया प्रति हेक्टेयर राई-सरसों बर 500 रुपिया प्रति हेक्टेयर अऊ अलसी बर 168 रुपिया प्रति हेक्टेयर प्रीमियम देना होही।

बीमा कवर– प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत खाल्‍हे म देहे मुताबिक जोखिम म बीमा के कवर देय होही-
बाधित बुवाई या रोपण जोखिम- खराब मौसम के सेती अधिसूचित क्षेत्र के 75 प्रतिशत क्षेत्र म बुवाई नइ होए म बीमित राशि के 25 प्रतिशत तक क्षति पूर्ति, ये चना फसल बर लागू।
खड़े फसल म बुवाई ले कटाई तक- गैर बाधित जोखिम जइसे सूखा, अकाल, ओलावृष्टि, जल प्लावन, बवंडर, चक्रवात, तूफान, आंधी, आकाशीय बिजली, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना, भू स्खलन के सेती अधिसूचित क्षेत्र म अधिसूचित फसल के अनुमानित उत्पादन या थ्रेसोल्ड उत्पादन 50 प्रतिशत ले कम होए म। सबले अधिक 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान, आखरी दावा मन ले एडजस्ट होही।
फसल कटाई के बाद होवइया नुकसान के सेती- फसल कटाई के बाद ओला, खेत म सूखाए बर रखे के बेरा आए प्राकृतिक आपदा जइसे बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान आदि ले होवइया नुकसान के सेती सबसे अधिक 14 दिन बर बीमा के प्रावधान होही। एखर बर किसान ल 72 घंटा पहिली बीमा कंपनी ल सूचित करना होही।

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