- गौठान ले गोबर, गोबर ले बनही जैविक खाद अउ दवई
- 11 गौठान क्षेत्र के महिला समूह मन ल प्रशिक्षण के संग सिखाए जात हे जैविक दवई बनाए के विधि
रायपुर, गौठान ल एक आजीविका गतिविधि केन्द्र के रूप म देखना अपन आप मन म एक सुखद अनुभूति ये। गांव मन म वइसे तो गौठान जीवनशैली के एक अहम हिस्सा रहे हे फेर एला एक आय जनित गतिविधि केन्द्र के रूप म देख पाना मुश्किल रहिस। फेर आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दूरगामी सोच ह ये सपना ल हकीकत म बदल देहे हे। आज गांव-गांव म बने नवा गौठान आजीविका गतिविधि केन्द्र के रूप म विकसित होवत हे। गरियाबंद जिला के ग्राम पारागांव, सढ़ौली, फुलकर्रा अऊ मालगांव म महिला समूह मन कोति ले गौठान म सकेले गोबर अऊ गौ-मूत्र ले नवा उत्पाद तियार किरे जात हे अऊ एक नवा आय जनित गतिविधि के सृजन होवत हे। गौठान के गोबर ले छेना बनाए के प्रशिक्षण लेवइया श्रीमती गंगा देवी अऊ पार्वती ह बताइस कि प्रशिक्षण ले हमला एक नवा अवसर मिले हे। अब हम गोबर ले नवा जिनिस के निर्माण करबोन अऊ बाजार म बेचबोन अउ एखर से हमर आय घलोक बाढ़ही।
जेमां स्थानीय स्तर म प्राप्त गौमूत्र, गोबर, नीम पत्ता, सीता पत्ता, धतुरा पत्ता, करंज पत्ता, बेल पत्ता, जाम पत्ता, नीगुर पत्ता, बेशरम पत्ता, फुडहड़ पत्ता, तम्बाकू, लहसून, हरी मिर्च, तुलसी पत्ता, मही, मिट्टी तेल, कच्चा दूध, सोंठ, सूखा मिर्च के उपयोग करे जाही। प्रशिक्षण म गरियाबंद के 11 गौठान क्षेत्र के समूह के महिला मन के चयन करे गए हे। जिला पंचायत के सीईओ श्री आर.के. खुटे ह बताइस कि बिहान के अंतर्गत ये प्रशिक्षण गरियाबंद जिला के फिंगेश्वर अउ छुरा विकासखण्ड के जम्मो गौठान मन म घलोक देहे जात हे। अगला चरण म विकासखण्ड मैनपुर अउ देवभोग म घलोक ये प्रशिक्षण देहे जाही। ये परिप्रेक्ष्य म पहिली चरण म जनपद पंचायत गरियाबंद के ग्राम पंचायत पारागांव, मालगाव अउ फुलकर्रा म जैविक खाद जइसे- नाडेप खाद, वर्मी कम्पोस्ट, घनाजीवामृत, द्रव जीवामृत, गोबरखाद, पंचगब्य खाद बनाए बर प्रशिक्षण देहे जात हे।
जिला म स्व-सहायता समूह मन कोति ले करे जात जैविक खाद निर्माण ले मृदा के उर्वरा शक्ति, लाभदायक सुक्ष्मजीव के संख्या म वृद्धि, मुख्य अउ सुक्ष्म पोषक तत्व के पूर्ति होही। जैविक खेती ल बढ़ावा देहे के संगें-संग आजीविका के एक सशक्त माध्यम बनही। गोबर अउ गौमूत्र के उपयोग ले ही हरेक गौठान मन म 4-5 मनखे ल साल भर आजीविका मिलही।