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छत्तीसगढ़ के ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ योजना देखाही देश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास ल नवा रद्दा – श्री भूपेश बघेल

नीति आयोग के नई दिल्ली म होए गर्वनिंग कांउसिल के बैठक म छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनर्जीवन बर ठोस पहल करे के बात कहिन

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन कि देश म किसान मन के आय दुगुना करे के लक्ष्य ल पूरा करे बर छत्तीसगढ़ म हाल ही म लागू ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’योजना मन के भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हे। उमन जोर देके कहिन कि देश के विकास बर ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल पुनर्जीवित करे के ठोस पहल के जरूरत हे अऊ छत्तीसगढ़ ए मामला म देश ल रद्दा दिखा सकय। श्री भूपेश बघेल आज नई दिल्ली म नीति आयोग के गर्वनिंग कांउसिल के बैठक ल संबोधित करत रहिन। बैठक के अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ह करिन। बैठक म नीति आयोग के उपाध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री अऊ राज्य मन के मुख्यमंत्री उपस्थित रहिन।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ह ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ योजना मन के बारे म विस्तार ले जानकारी देवत बताइन कि कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल पुनर्जीवित करे, स्थानीय संसाधन मन ल विकसित करे अऊ व्यापक तौर म पर्यावरण संरक्षण ल ल ध्यान म रखके ये कार्यक्रम चालू करे गए हे। उमन कहिन कि पर्यावरण संतुलन, प्रदूषण, जलवायु बदलाव, गिरत भू-जल स्तर, पशुधन संवर्धन, जैविक खेती जइसे विसय आज वैश्विक चिंता के कारक बन गे हे। छत्तीसगढ़ म हमन कई ठन समस्या मन के एक समाधान के रूप म नवाचार करे गए हे। उमन बताइस कि छत्तीसगढ़ी भाखा म नरवा के मतलब हे प्राकृतिक नाला, गरवा के मतलब हे पशुधन, घुरवा के मतलब हे अपशिष्ट पदार्थ के भण्डार अऊ बाड़ी के मतलब हे छोटी बागवानी। उमन कहिन कि ए योजना के अंतर्गत हम भू-जल संरक्षण अउ संवर्धन बर नरवा म बोहात पानी ल रोकबोन, गाय अउ गौवंशीय पशुधन ल बचाबोन अउ एकर किसान मन अउ ग्रामीण अर्थव्यवस्था म उपयोग सुनिश्चित करहीं। एखरे संग ही गोबर अउ आन जैविक ग्रामीण अपशिष्ट पदार्थ ले कम्पोस्ट खाद के निर्माण अउ बाड़ी अर्थात हर किसान अउ ग्रामीण के इहां छोटे बगीचा के विकास करहीं।

बैठक म मुख्यमंत्री श्री बघेल ह राज्य म आकांक्षी जिला कार्यक्रम के गोठ करत कहिन कि छत्तीसगढ़ मे 44 प्रतिशत वन हे जेमां मुख्य रूप ले 10 आकांक्षी जिला मन के 8 जिला मन म वन के प्रतिशत बहुत जादा हे। ए जिला मन म बिजली, पानी, सड़क अऊ सिचाई आदिवासी मन तक पहुचाना बहुत कठिन हो गए हे। श्री बघेल ह ए क्षेत्र मन म सोलर बिजली के माध्यम ले पानी के पम्प के व्यवस्था, बिगड़े वन क्षेत्र मन म वाणिज्यिक रूप ले सोलर बिजली उत्पादन के अनुमति, लघुवनोपज म आधारित उद्योग मन के स्थापना वन जमीन म करे के छूट, सोलर पम्प मन के माध्यम ले छोटे सिचाई योजना मन के स्थापना बर वन जमीन म छूट, आदिवासी बेरोजगार युवक मन ल लघुवनोपज अउ खाद्य प्रसंस्करण बर अनुदान आदि बर केन्द्र सरकार ले 100 प्रतिशत वित्त पोषण अउ अनुदान के मांग करिन।

बैठक म मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि देश म माओवादी उग्रवाद ले निपटे बर राष्ट्रीय स्तर म रणनीति अउ समन्वित नीति बनय। प्रभावित राज्य सरकार के ओमा समुचित भूमिका होवय ताकि अइसन हिंसा के खिलाफ प्रदेश एकजुट होके समन्वित कार्यवाही करयं। उमन माओवादी मन के ‘आत्मसमर्पण अउ पुनर्वास’ के नीति के घलोक पुनराविलोकन करे के घलोक मांग करिन। उमन कहिन कि कई बड़े नक्सली जऊन केन्द्रीय कमेटी स्तर के हे, ओ मन 25-35 बछर तक हिंसक गतिविधि मन म लिप्त रहिथें अऊ बीमारी मन ले ग्रसित होके या बाढ़त उमर के सेती आत्मसमर्पण करथें। अभी हाल नीति के कारण ओ मन ह आखिर म सजा पाय ले बांच निकलथें। उमन कहिन कि माओवाद हिंसा प्रभावित क्षेत्र मन म समुचित विकास काम मन अउ रोजगार के जरूरत जइसे बहुत आर्थिक सहायता ले ही हम स्थानीय बेरोजगार युवा मन ल भरमे ले बचे जा सकही। ये मां भारत सरकार ल सकारात्मक रूप ले विचार करना चाही।

मुख्यमंत्री ह अपन संबोधन म माओवाद हिंसा ले प्रभावित क्षेत्र मन सड़क निर्माण के प्रगति, ऑप्टिकल फाइवर कनेक्टिविटी, सुरक्षा बल मन बर टेक्टिकल मिनी यूएव्ही, बस्तर म रेल लाइन के विकास काम म तेजी लाय, वंचित संस्था मन ल खाद्यान्न आवंटन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना म सुधार लाय, फूड सब्सिडी, महात्मा गांधी नरेगा म आवटंन के समस्या, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), गोबर-धन योजना, प्रधानमंत्री घर योजना (शहरी), स्टैंड-अप इंडिया योजना, सूखे के स्थिति अउ राहत के उपाय अउ कृषि क्षेत्र म संरचनात्मक सुधार के जरूरत म घलोक अपन बात कहिन। बैठक म मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी घलोक उपस्थित रहिन।

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