राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस म संघरिन राज्यपाल
बिलासपुर, जनजातीय मन भारतीय समाज के बाना उचइंया यें, जनजातीय समुदाय के जननायक मन ह ब्रिटिश शासन के अत्याचार के विरूद्ध संग्राम के बिगुल फूंके रहिन अऊ अपन प्राण तक ल निछावर कर देहे रहिन। आज के दिन वो सबो नायक मन ल नमन करे के दिन ये। ये बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके ह काली भगवान बिरसा मुण्डा के 146वां जयंती उपर आयोजित राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के अवसर म व्यक्त करिन।
वनवासी विकास समिति कोति ले आयोजित ये कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुश्री उईके ह कहिन कि भगवान बिरसा मुण्डा आदिवासी मन के शोषण के खिलाफ संघर्ष करइया अऊ ऊंखर मान-सम्मान के रक्षा बर लड़इया क्रांतिकारी नेता रहिन। उंखर जयंती करोड़ों जनजाति मन के गौरव दिवस ये। आजादी के अमृत महोत्सव साल म भारत सरकार ह बिरसा मुण्डा के जन्मदिवस ल ‘‘जनजाति गौरव दिवस’’ के रूप म मनाए के निर्णय लेहे हे। एखर से जनजातीय समाज ल अपन गौरवमयी संघर्षमयी इतिहास के सम्मान मिले हे।
उमन कहिन कि जनजाति समाज के परंपरागत धर्म संस्कृति, भारत के सनातन संस्कृति के अभिन्न अंग ये। वेद मन म बताए गए ये जीवन पद्धति के आधार म अनादि काल ले मनखे मन जीवन जीयत हें। जनजाति बन्धु भारत के सनातन समाज के रीड़ यें। भारतीय संस्कृति के आविर्भाव गिरि कन्दरा ले होए के सेती एला अरण्य संस्कृति घलोक कहे जाथे। हमार सनातन संस्कृति के महानायक, अनेकानेक वीर मन ये येमन, जे मन अपन संस्कृति अऊ राष्ट्र बर जीवन समर्पित कर दीन।