रायपुर, राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के तीसर अउ आखरी दिन पहिली सत्र म कहानी रचना अउ दूसर सत्र म कविता पाठ के आयोजन करे गीस। पहिली सत्र के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री परदेशी राम वर्मा अऊ दूसर सत्र के अध्यक्षता श्री रामेश्वर वैष्णव ह करिन। एमा नवोदित साहित्यकार मन ल साहित्य रचना के बारीकी, विषय-वस्तु अऊ कथानक के रेखांकन के बारे म विस्तार ले जानकारी देहे गीस। छत्तीसगढ़ लोक साहित्य के पहिली सत्र के अध्यक्ष डॉ.परदेशी राम वर्मा ह परमानंद वर्मा के गोंदा उपन्यास अऊ सरगुजिया भाखा म दीपलता देशमुख के बाल कहनी के विमोचन करिन।
पहिली सत्र म कहानी रचना अउर दूसर सत्र म कविता पाठ के आयोजन करे गीस
दूसर सत्र म वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर वैष्णव ह घलोक कविता के वाचन करिन। उमन नवोदित साहित्यकार मन ल प्रोत्साहित करत कहिन कि कविता के सृजन दौलत ले नहीं, नीयत ले होथे। साहित्य अऊ रचनाकार पूरा तन्मयता अऊ मन लगाके साहित्य रचना ले जुडेयं। उमन सुधा वर्मा के लिखे कथा संग्रह ’इंद्रावती के धार’ के विमोचन करिन। ये मौका म राजभाषा आयोग के सचिव श्री अनिल भतपहरी ह घलोक अपन संस्मरण सुनाइन।
सत्र सुरू होए म महासमुंद के श्री बंधु राजेश्वर खरे ह अपन कहानी म सीरसक ’माटी के आसरा’ के वाचन करिन। ये कहानी शराब अऊ जुवा के सामाजिक बुराई अऊ ओखर ले परइया प्रभाव उपर केंद्रित रहिस। अइसनहे बलौदाबाजार-भाटापारा के श्री चोवाराम बादल के कहानी ’खिलौना’ म परिवार अऊ समाज म दिव्यांगता ल एक सेवा के अवसर समझके दिव्यांगजन के प्रति व्यवहार करे के संदेश देहे गीस।
कोरबा के श्री मंगत रवीन्द्र के कहानी जुबान के कीमत म सौदा के वायदा ल निभाए अऊ ओ म अडिग रहे के बात केंद्रित रहिस। असनहे जांजगीर -चांपा के श्री रामनाथ साहू के कहानी प्रतिशोध म आवेश के अपेक्षा शांति म ही सब के भलाई के संदेश देहे गीस। नगरी के डॉ. शैल चंद्रा के ’अगोरा’ कहानी म सैन्य परिवार के आत्मीय संबंध ल रेखांकित करे गीस। बस्तर के श्री विक्रम कुमार सोनी ह हल्बी कहानी म इंद्रावती नदी के महत्ता अऊ मानव सभ्यता के विकास म नदिया के योगदान के उल्लेख करे गीस।
श्री रूपेश तिवारी ह ’ए ग जवईया सुन तोर ठहराव कहिन हे, शहरिया चकाचौंध मं तोर गांव कहे हे’ जइसे कविता ले शमा बांधिन। बंटी छत्तीसगढ़िया ह ’बेटी सुख के आंखी, ऊही दे उही बाती, तीपत तेल नइ झन डार ग, बेटी ल पेट मं झन मार ग’ ले अपन कविता पाठ चालू करिन। सुश्री जयमती कश्यप ह हल्बी अऊ श्री नरेंद्र पाढ़ी ह सादरी अउर भतरी म अपन कविता के वाचन करिन। कवि बसंत राघव ह ’जाड़’ उपर केंद्रित कविता के पठन करिन। अइसनहे कवि श्री सुशील भोले ह ’कोन गली ले आथे जाथे अऊ लोगन ल भरमाते, ये जिनगी घाम छांव बन जाथे’ कविता के पाठ करिन।