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फसल अवशेष प्रबंधन: कृषि उत्पादन बढ़ाए अऊ उर्वरता संरक्षण खातिर किसान मन ल दे गीस जानकारी

रायपुर, 20 जनवरी 2024। कृषि वैज्ञानिक मन ह कहिन हे कि किसान मन ल भरपूर उत्पादन लेहे बर जमीन के उर्वरता ल संरक्षित रखना चाही। एखर बर ओ मन ल फसल अवशेष प्रबंधन के संगेच रासायनिक खाद उपर निर्भरता कम करत जादा ले जादा जैविक खाद के उपयोग करना चाही। एखर अलावा ओ मन ल फसल चक्रण घलोक अपनाना होही। ये जानकारी छत्तीसगढ़ विज्ञान अउ प्रौद्योगिकी परिषद्, रायपुर अउ फार्मर्स फर्स्ट परियोजना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नवा दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान म राजनांदगांव के पं. शिव कुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय अउ अनुसन्धान केंद्र सुरगी म आयोजित कार्यशाला म दे गीस।
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के 38वां स्थापना दिवस के मौका म आयोजित ए कार्यशाला म छत्तीसगढ़ विज्ञान अउ प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ह फसल अवशेष प्रबंधन अउ संसाधन उपयोग क्षमता बढ़ाए बर संरक्षित कृषि बर कृषक बंधु मन अउ छात्र-छात्रा मन ल प्रेरित करे गीस। उमन कृषि विषय के शोधार्थि अउ कृषि वैज्ञानिक मन ल मौसम पूर्वानुमान ले संबंधित अन्वेषण कोति अपन खोज करे बर प्रेरित करिन। ग्राम सुरगी के सरपंच श्री आनंद साहू ह जैविक खाद के उपयोग उपर जोर दीन।ए बेरा म कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विनम्रता जैन, प्राध्यापक ह कार्यक्रम के संचालन करे गीस अउ सबो के आभार व्यक्त करे गीस। कार्यक्रम म कृषि वैज्ञानिक के संग ही बड़ संख्या म कृषक अऊ छात्र-छात्रा मन ह भाग लीन।

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