रायपुर, उत्तर बस्तर कांकेर जिला मुख्यालय ले करीबन 15 किलोमीटर के दूरी म स्थित एक छोटे से गांव थानाबोड़ी के महिला किसान श्रीमती लेकेश बाई ह समन्वित कृषि प्रणाली के मॉडल अपनाके अपन सोच अऊ काम मन ले राष्ट्रीय स्तर म विशिष्ट पहिचान बनाय हे। कक्षा 12वीं तक शिक्षित श्रीमती लेकेश बाई ह अपन 6 एकड़ जमीन म समन्वित कृषि प्रणाली के माध्यम ले साबित कर दे हे कि कृषि के माध्यम ले कइसे एक सामान्य कृषि जमीन ल समृद्धि प्रदान करइया जमीन म बदले जा सकत हे।
आज ले करीब 6-7 साल पहिली साल 2012-13 के श्रीमती लेकेश बाई अपन 4 एकड़ जमीन म परम्परागत विधि ले धान अऊ मक्का के फसल लेत रहिन अऊ ओला औसतन हर साल 50 ले 60 हजार रूपिया तक के शुद्ध आमदनी होत रहिस। ये समय ओला कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर ले तकनीकी मार्गदर्शन मिलत हे अऊ ओ हर उद्यान विभाग ले टपक सिंचाई अऊ कृषि विभाग के सहयोग ले नलकूप खोदवा के समन्वित कृषि प्रणाली खेती अपनाइस। टपक सिंचाई पद्धति ले ओला जिहां व्यावसायिक साग भाजी के उत्पादन लेहे म मदद मिलिस उन्हें मत्स्य-सह बतख पालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन, दूध उत्पादन बर डेयरी व्यवसाय अपनाके अब वो हर साल 7 ले 8 लाख रूपिया शुद्ध आय अर्जित करत हे।
कृषि क्षेत्र म श्रीमती लेकेश बाई के उपलब्धि मन ल देखत 16 जुलाई 2019 के दिन नइ दिल्ली म आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर म केन्द्रीय कृषि अऊ किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर कोति ले श्रीमती लेकेश बाई ल ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृषि पुरस्कार- 2018’ प्रदान करे गीस। ओ मन ल प्रशस्ति पत्र के संग पचास हजार रूपिया के सम्मान राशि घलोक प्रदान करे गीस।
ये बेरा म कृषि अऊ किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री पुरषोत्तम रूपाला अऊ श्री कैलाश चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा अऊ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के पाटिल उपस्थित रहिन। श्रीमती लेकेश बाई ह बताइस कि ओ मन ल वर्ष-2016 म इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कोति ले कृषक फैलोशिप सम्मान अऊ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूर्वी क्षेत्र, पटना कोति ले नवाचारी कृषक सम्मान-2018 घलोक प्रदान करे गए हे। श्रीमती लेकेश बाई के ये काम पूरा प्रदेश के किसान मन बर प्रेरणा स्त्रोत हे।