नारायणपुर, 22 अप्रैल 2020। कर्तव्य पथ म डटे रहिके काम करना सीखना होही त नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला के आंगनबाड़ी कार्यकार्ता ले सीखे जा सकत हे। उलट स्थिति अऊ विषम परिस्थिति मन म घलव डटे रहिके पूरा निष्ठा, ईमानदारी अऊ ज़िम्मेदारी ले काम करना जइसे इंकर फ़ितरत म या कहन इंकर खून म हे। ये वो आँगनबड़ी कार्यकर्ता मन हें, जऊन आदिवासी जनजाति (माड़िया) मनखे मन के घर म नइ मिले म जंगल म कई मील रेंग के ऊंखर ठउर ठिकाना खोज के भोजन-भात बर सूखा राशन अऊ रेडी टू ईट बांटत हें। ताकि ऊंखर मासूम लइका मन अऊ परिवार ल भूखे झन रहना परय। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशा मुताबिक राज्य शासन के महिला बाल विकास ह पोषण सहित सूखा राशन बांटत हें, ताकि कोरोना के चलत कोनो लांघन झन रहय।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कु. सेवती मांझी ह मलकटटा के जंगल म जिल्लोबाई ल खोजके राशन दीस, ओकर लइका घलोक ओखर संग रहिस। राशन देख के लइका के चेहरा म सुकून भरे मुस्कराहट साफ देखे जा सकत हे। माँ ताज़ा हालात के चलत मुँह म कपड़ा बांधे रहिन। आँगनबाड़ी कार्यकर्ता जेमां एक कोति क़ोरोना ले लड़त हें, उहें दुसर कोति माड़ म घर-घर राशन बाँटे के काम करत हें। ताकि ऊंखर इहां भोजन बन सकय। एखरे संग मनखे मन ल कोरोना महामारी ले बचे के उपाय के बारे म घलव बतावत हें अउ मनखे मन ल घरे म रहे के समझाईश घलोक देवत हें।