नक्सल भत्ता बंद होए के पाती निकलिस अउ रइपुर ले बस्तर तक होगे हंगामा
धमेन्द्र निर्मल के सार समाचार, मंत्रालय ले निकले एक ठो पाती ले रइपुर ले लेके बस्तर तक हंगामा मात गे। आदेस कहे गे रिहिसे कि बस्तर क्षेत्र म काम करइया 12 हजार पुलिस के जवान अउ अधिकारी मन मन के नक्सल भत्ता बंद करे जावत हे। भत्ता सिरिफ 31 मार्च 2019 तक स्वीकृत रिहिसे। भइ तो गे ताहेन ले जइसे ही एति बर ए आदेस के पाती छूटिस पुलिस विभाग म हड़कंप मात गे, फेर पीछू जुवार लकर धकर नवा आदेस के पाती बनाइस हे जेन ह अवइया दू चार दिन म जारी हो जाही।
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जेन हिसाब ले उहां के पुलिस जवान अउ अधिकारी मन ल डेढ़ हजार ले लेके सात हजार तक हरेक महीना भत्ता मिल जथे। ए भत्ता हं अतिसंवेदनसील अउ अंदरूनी क्षेत्र म पदस्थ लोगन मन ल जादा अउ सधारन अउ शहरी क्षेत्र के करमचारी मन ल कमती मिलथे। मंत्रालय ले निकले इही नियम के अनुसार नारायणपुर एसपी हँ 18 अप्रेल के जम्मो थाना के प्रभारी अउ संबधित अधिकारी मन बर ये सूचना निकालिस कि वित्तीय वर्ष 2018-19 माने 31 मार्च 2019 तक भर नक्सल भत्ता शासन द्वारा मान्य हवय। वर्तमान वित्तीय वर्ष बर अवइय समे म निर्णय लिए जाही। ए आदेस के बाद बस्तर म क्षेत्र पदस्थ हजारो जवान अउ अधिकारी मन ए महीना के वेतन म नक्सल भत्ता नइ मिल पावय।ए आदेष जइसे ही निकलिस बस्तर संभाग के जम्मो पुलिस करमचारी मन म हड़कंप मात गे। तब आईजी सिन्हा कहिन के अबड़ लउहे नवा आदेस जारी हो जही अउ अवइया समे म वेतन के संगे संग नक्सल भत्ता तको मिले लगही।
चटकारा (लइके लइका शोले के खेल करथे)
गब्बर – तुमन तीन रेहेव अउ वोमन सिरिफ दू …
सांबा – सरदार … मै तोर नून चाँटे हौं
सरदार गब्बर – अब गोली घलो चुचर ….
(ओतके बेर पिस्तोल हाथ ले छूट जथे सांगा अउ जम्मो झन हाँसे लगथे)
गब्बर – काबर हाँसथौ बे…
सांगा – तोर गोली गिर गे हे सरदार ! ले न कतका सनियावत रेहे सनिया अब।