बैकुण्ठपुर, 7 जुलाई 21। मेहनतकश परिवार बर मूलभूत आवश्यकता के पूर्ति बर एक छोटकुन संसाधन कतका महत्वपूर्ण हो सकत हे एकर जीवंत उदाहरण हे ग्राम पंचायत गिरजापुर म रहइया जगमोहन के परिवार। पहिली ये परिवार पेयजल अऊ निस्तार बर गांव म लगे सार्वजनिक हेंडपंप उपर आश्रित रहिस। जगमोहन के परिवार ल एकर से हर समय पानी के बड़ संकट रहय। करीबन साढ़े तीन एकड खेत म सिंचाई के सुविधा नइ होए ले ये परिवार ह खेती बर बरसा उपर आश्रित रहत रहिन। अब ये परिवार के छोटकन उदीम अऊ महात्मा गांधी नरेगा के मदद ले बने कुंवा ह ऊंखर परिवार के असन कई समस्या मन के निराकरण एके बार म कर दीस। धान के खेती बर अभी बाकी किसान जिहां रोपा तियार करे मे बिपतियाए हें उहें जगमोहन के परिवार अपन खेत मन म धान के के रोपाई करे लग गए हें। पउर साल घलोक इमन खरीफ के समय धान के भरपूर फसल लेहे के बाद करीबन 35 क्विंटल धान सहकारी साख समिति म बेचके पचास हजार रूपिया ले जादा के लाभ अर्जित करे रहिस। एकरे संग उमन अपन खेत मन म गेंहू के उपज ले के करीबन 13 हजार रूपिया के लाभ ले रहिन।
बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत गिरजापुर मे रहइया जगमोहन पिता दलसाय के परिवार म कुल पांच सदस्य हे। ये परिवार ह गांवेच के एक हितग्राही के बाड़ी म बने कुंवा के लाभ देखके खुद के जमीन म एक कुंआ खोदवा के आवेदन अपन ग्राम पंचायत म दीस। ग्राम पंचायत ह इंकर उपयोगिता के आंकलन करत महात्मा गांधी नरेगा के तहत व्यक्तिगतमूलक काम म इनकर मांग के चयन करत ग्राम सभा ले अनुमोदन कर दीस। ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद जगमोहन के निजी जमीन म कुंआ निर्माण काम बर साल 2019-20 म कूप निर्माण बर जिला पंचायत कोति ले दो लाख बीस हजार रूपिया के मानक प्राक्कलन आधार म एक कुंआ निर्माण के स्वीकृति प्रदान करे गीस। ग्राम पंचायत कोति ले तकनीकी सहायक मनहरण सिंह के देखरेख म ओ कुंवा के निर्माण कराया गीस। ये काम म जगमोहन के परिवार ल 46 कार्य दिवस के अकुशल रोजगार घलोक प्राप्त होइस अऊ करीबन 9 हजार रूपिया मजदूरी तको मिलिस। अब ये परिवार तीर पेयजल अऊ निस्तार बर भरपूर पानी हे उहें सिंचाई के साधन के रूप म कुंवा के उपयोग करत ये परिवार खरीफ अऊ रबी के फसल के बाद के बेरा म हर महीना सात ले आठ हजार रूपिया के साग सब्जी के उत्पादन करके स्थानीय बजार म बेचके अपन दैनिक खर्च ले निश्चिंतत हो गीन।
जगमोहन के बताती पहिली पानी के बहुत समस्या रहिस फेर कुंआ बने ले सब बने हो हे। अब वो अपन परिवार के संग मिलके बाड़ी म सब्जी के उत्पादन ककरथे। एखर से इमन ल साल भर काम मिले लगे हे अउ हर हफ्ता डेढ़ ले दू हजार रूपिया के पक्का आमदनी तको होवत हे। बीते लाकडाउन के समय वो ह अपन खेत ले मटर, लहसुन, टमाटर, आलू जइसे सब्जी के उत्पादन करके करीबन 15 ले 20 हजार रूपिया के लाभ प्राप्त करे हें। गेंहू के फसल के बाद जगमोहन ह अपन खेत मन म गर्मी के उड़द के फसल घलोक लगाके करीबन एक क्विंटल उत्पादन प्राप्त करे हे। महात्मा गांधी नरेगा के एक छोटे से काम के पूरा हो जाय ले जगमोहन के परिवार अब रोजगार अऊ पेयजल संग सिंचाई के सुविधा बर पूरा निश्चिंत हो गए हे।