नारायणपुर, बहिरी (झाडू ब्रूम) एक घरेलू सामान ये। जऊन साफ-सफाई अउ कचरा बहारे बर उपयोग करे जाथे। झाडू कई प्रकार के चीज मन ले बनाये जाथे। स्थानीय स्तर म इहां के घास, पत्ति अऊ पोधा ल झाडू बनाए म उपयोग करे जाथे। आजकल कृत्रिम सींक अऊ फाइबर के घलोक झाडू बाजार म बनाके बेंचे जात हे। सड़क ले लेके संसद तक मोहल्ला ले लेके घर तक हर तरफ साफ-सफाई बर झाडू के उपयोग होथे। एखर बिना साफ-सफाई होना मुमकिन नइ ये। हर मनखे ह अपन जीवन म कभू न कभू झाडू के उपयोग सफाई बर जरूर करे होही। चाहे वो कतकोन बड़े पद म काबर न होवय। अभी हाल समय म कई जगह मशीनी झाडू के घलोक उपयोग करे जात हे। फेर ये आम आदमी के पहुंच ले दूर हे।
नक्सल हिंसा पीड़ित जिला नारायणपुर के विकासखंड ओरछा (अबूझमाड़) म कई प्रकार के वनोपज होथे फेर जादा तादाद म फूल झाडू वाले घास के होथे। एखर बर माड़ के जलवायु, वातावरण उपयुक्त हे। जंगल म मिलइया आन वनोपज के संग फूल झाडू घलोक गांव वाले मन के आय के मुख्य जरिया हे। इहां के ग्रामीणजन घना जंगल पहाड़ ले घिरे पहुंचविहीन इलाका मन म अपन पैर म ही भरोसा करके कई मील के सफर तय करके फूल झाडू के कच्चा माल काटके शहर तक लाथें। इंकर बनाये गए फूल झाडू के प्रदेश म अच्छा मांग हे। पहिली बिचौली मन तीर बेचे बर ओ मन ल मजबूर होना परत रहिस, जऊन ऊंखर जोखिम भरे ये काम के सही दाम नइ देवत रहिन।
राज्य सरकार अऊ जिला प्रशासन के उदीम ले ए मन ल बिचौली मन ले मुक्ति मिलिस। अब झाडू के कच्चा माल के खुला खरीद नइ होवय। एखर बर ओरछा विकासखंड के तीन महिला स्व सहायता समूह गणेश मंडली, दुर्गा मंडली अऊ दंतेश्वरी समूह ल अधिकृत करे गए हे। ये महिला समूह ही झाडू के कच्चा माल के खरीदी गांव वाले मन ले करे बर अधिकृत हे। ओ महिला समूह ल 5 लाख रूपिया के करजा देहे गए हे।
नारायणपुर जिला मुख्यालय के जगदम्मा स्व सहायता समूह ल कच्चा माल ले फूल झाडू बनाए बर 18 लाख रूपिया के करजा देहे गए हे। ये काम ले जुड़े महिला समूह मन के वन विभाग कोति ले कॉपरेटिव बैंक म संयुक्त बैंक खाता खोले गए हे। जेमां आय के राशि जमा होथे। फूल झाडू बनइया महिला मन ल एक झाडू के तीन रूपिया के भुगतान करे जात हे। एखर संगेच झाडू विक्रय ले प्राप्त राशि म ले घलोक कुछ अंश के भुगतान होथे। स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती बुधयारिन बाई देवांगन ह बताइस कि एक महिला दिन भर म 70-75 झाडू बना लेथे। अभ्यास होए म कुछ महिला एखर ले जादा झाडू घलोक बना लेथे। एखर से ओ मन ल रोजाना करीबन 200 ले 225 रूपिया मिल जाथे। एक हाट-बाजार म ऊंखर झाडू 25 ले 30 रूपिया म बिक जाथे। वन विभाग के अधिकारी मन ह बताइस कि इहां के झाडू पडोसी जिला के संगेच राज्य के दूसर जिला राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर के संगेच सरगुजा म घलोक विक्रय बर जाथे।