मुख्यमंत्री ह ‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार‘‘ ल राज्यगीत घोषित करिस

‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ म सबो के सहभागिता जरूरी: डॉ. चरणदास महंत

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के तीसर दिन के अलंकरण समारोह म मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत अऊ कार्यक्रम के अध्यक्षता करत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह दिया जला के कार्यक्रम के शुभारंभ करिन। साईंस कॉलेज मैदान म आयोजित राज्योत्सव म विधानसभा अध्यक्ष ह कई ठन पुरस्कार मन ले सम्मानित मनखे अऊ संस्था मन ल बधाई दीन। उमन कहिन कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व म राज्य के संस्कृति अऊ सभ्यता के सम्मान होवत हे। उमन ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘‘ के संकल्प ल पूरा करे बर सबो के सहभागिता म जोर दीन। उमन कहिन कि राज्य के 88 प्रतिशत जनता कृषि उपर आधारित हे, ते खातिर किसान मन ल सर्वोच्च प्राथमिकता देना जरूरी हे। डॉ. महंत ह ये बेरा म छत्तीसगढ़ के पुरखा मन ल नमन करत कहिन कि राज्य के चिन्हारी म विशेष काम करइया ल पुरस्कृत करे गए हे। सरकार गांव ले उत्कृष्ट मनखे ल चिन्हांकित करके सम्मान करत हे। अवइया पीढ़ी ल सुराजी योजना के तहत् नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बाड़ी ले परिचित करवाना जरूरी हे। ये चार चिन्हारी ले छत्तीसगढ़ राज्य ल नवा जीवन मिलही। राज्य प्राकृतिक खनिज संपदा ले परिपूर्ण हे। एकर लाभ सबो ल मिलय अऊ सामाजिक समरसता के संग नवा छत्तीसगढ़ गढ़ना हे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कार्यक्रम के अध्यक्षता करत अलंकरण समारोह के मंच ले डॉ. नरेन्द्र वर्मा के रचे छत्तीसगढ़ी गीत ‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’’ गीत ल राज्यगीत घोषित करिस। उमन कहिन कि ये गीत प्रदेश के गांव-गांव अऊ शहर मन म महतारी गीत के रूप म प्रसिद्ध हे। ये गीत ल राज्य शासन कोति ले आयोजित महत्वपूर्ण शासकीय कार्यक्रम अऊ आयोजन म अब राज्यगीत के रूप म बजाये जाही। श्री बघेल ह कहिन कि आमजन के उत्साह ल देखत राज्यपाल के आग्रह म राज्योत्सव कार्यक्रम ल दू दिन अऊ बढ़ाये गए हे। अवइया दू दिन म सांस्कृतिक कार्यक्रम अऊ विभागीय प्रदर्शनी मन के संचालन करे जाही। उमन कहिन कि छत्तीसगढ़ राज्य म पांच हजार साल जुन्ना नाट्यशाला ले सिद्ध होथे हे कि इहां के कला अऊ संस्कृति वैभवशाली रहे हे। उमन कहिन कि छत्तीसगढ़ धान के कटोरा हे। नवा सरकार के गठन के बाद किसान मन के हित म बहुत अकन निर्णय लेहे गये हे, जेखर सेती दीपावली म ये पइत छत्तीसगढ़ म खुशहाली अऊ समृद्धि के माहौल हे। मुख्यमंत्री ह जनता ले अपील करिन के प्रधानमंत्री ल पत्र लिखव, जेमां राज्य सरकार कोति ले 2500 रूपिया प्रति क्विंटल धान खरीदी बर सहमति प्रदान करव।

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