इतवारी: गुरू गूगल दोउ खड़े

गुरूब्र्रम्हा गुरूर्विष्णु गुरूर्देवो महेश्वरः। गुरूः साक्षात् परब्रम्ह तस्मै श्रीगुरूवे नमः। गुरूपूर्णिमा गुरू – पूजन के दिन हरे। असाड़ के पुन्नी ल गुरूपूर्णिमा कहिथे। ये दिन गुरूतत्व ह हजार गुना क्रियाशील रहिथे, जेकर ले ओकर फल तको हजार गुना फलित होथे। इही दिन कृष्ण द्वैपायन महर्षि वेदव्यास जी ह 18 पुरान अउ उपपुराण मन के रचना करीन। पंचम वेद ‘महाभारत’ के रचना विश्व के प्रथम आशुलिपिक शिव-शिवानंदन श्रीगणेश के करकमल ले पूर्ण करे के पीछू ‘ब्रम्हसूत्र’ लेखन के श्रीगणेश करीन। तेकर सेति येला व्यासपूर्णिमा के रूप म तको मनाए जाथे। कतको…