उत्तर बस्तर कांकेर, मुख्यमंत्री सुपोषण योजनांतर्गत कुपोषित लइका मन अऊ गर्भवती अऊ शिशुवती माता मन ल सुपोषण दूत मन घर-घर जाके कोदो के खिचरी अऊ रागी के हलवा खवाए जात हे। जिला के 2140 आंगनबाड़ी केन्द्र मन म कुपोषित लइका मन, गर्भवती अऊ शिशुवती माता मन के स्वास्थ्य ल बेहतर बनाए के उद्देश्य ले महिला अऊ बाल विकास विभाग कोति ले सरलग उदीम करे जात हे। कुपोषित लइका मन ल सुपोषित करे बर महिला अऊ बाल विकास विभाग कोति ले पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण…
Day: January 23, 2022
प्रदेश के पहला गोठान जिहां लगथे गोठान पाठशाला
अम्बिकापुर, अम्बिकापुर के तीरेच स्थित सोहगा गांव म प्रदेश के पहला गोठान हे, जिहां गोठान पाठशाला लगथे। तीन दिन के पाठशाला म इहां के महिला मन दुसर जगा के महिला मन के कक्षाएं लेती हे। सरगुजा के महिला मन ल निःशुल्क पढ़ाया जात हे। वहीं दूसरे जिला के महिला मन बर शुल्क निरधारित हे। ये वाले गोठान मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप म स्थापित हो चुके हे। सरगुजा जिला म कुल 284 गोठान हे। एमां अलग-अलग रोजगारमूलक गतिविधि मन के संचालन होवत हे। ये गोठान आत्मनिर्भरता के मिसाल हे। इहां…
मुख्यमंत्री ह राज्य म धान खरीदी के अवधि एक हफ्ता अऊ बढ़ाए के करिन एलान
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह राज्य के किसान मन के हित ल ध्यान म रखत एक बड़का फैसला लीन। राज्य म समर्थन मूल्य म धान खरीदी के अपन निवास कार्यालय म वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम ले समीक्षा के बेरा म मुख्यमंत्री ह धान खरीदी के निरधारित अवधि ल एक हफ्ता अऊ बढ़ाए के एलान करिन। राज्य म अब 7 फरवरी तक किसान मन ले धान खरीदी करे जाही। खाद्य अऊ नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत घलोक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम ले बैठक म सामिल होइन। बैठक म मुख्य…
राज्य म मिशन जइसे संचालित हे गोधन न्याय योजना : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन के छत्तीसगढ़ सरकार के गोधन न्याय योजना ल पूरा देश म एक आदर्श योजना के रूप म स्वीकार करे गए हे। ये पईत गणतंत्र दिवस के अवसर म नई दिल्ली के राजपथ म गोधन न्याय योजना के झांकी देश-दुनिया के मनखे मन देखहीं। मुख्यमंत्री ह कहिन कि ये योजना ल छत्तीसगढ़ राज्य म मिशन के रूप म संचालित करे जात हे। गांव मन म स्थापित गौठान मन म आजीविका के साधन ल बढ़ाए के उद्देश्य ले इहां रूरल इंडस्ट्रियल पार्क लउहे विकसित करे…
इतवारी: दिन कइसन आगे संगी !!
बात जादा जुनियाए नइहे। दूए दिन पहिली के हरय। काम से एक ठो आफिस के चक्कर लगावत रहेंव। उह बीच एक झन मोर आगू ले गुजरिस। छरहरा देंह, ऊँचपूर, सूट-बूट ले दुमटाम। मोर नजर के लबेदा परे ले ओकर चाल के आमा ‘लद्द ले’ मोर अंतस म गिरगे। ओकर लकधक, लदफद चाल-ढाल बतावत रिहिस हे कि वो कइसन चाल के हे। थोकन बेर म मैं अपन काम निपटावत वो आफिस म बइठे रहेंव। कति ले घूमत-फिरत वो धूमकेतु कस उहेंचे आ धमकिस। आते साथ मेडम ल कहिस- ‘मेडम जी नमस्ते…