योग सबद संस्कृत से लिए गे हवय जेकर मायने जुड़ना या एकजुट होना होथे। अंगरी-अंगरी जुड़ मुटका बनके शक्तिशाली हो जथे। एक अउ एक ग्यारह एक के अपेक्षा जादा ताकतवर होथे। वइसने योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया हरे जेमा शरीर, मन अउ आत्मा ल आपस म संघारे (योग) जाथे। योग के संयोग ल आत्मा म हृष्ट-पुष्ट अउ सजोर बनाए जा सकथे। भारतीय दर्शन के षडदर्शन म एक के नाम योग हवय। योग सबद के उल्लेख ऋग्वेद म मिलथे। महर्षि पतंजलि ल योग दर्शन के संस्थापक माने जाथे। ओकर लिखे योगसूत्र ह…