भटगांव, टुण्डरी गांव म बिरसपत के रात कन आयोजित हास्य कवि सम्मेलन अउ पुस्तक विमोचन समारोह के कार्यक्रम अड़बड़ सुग्घर रहिस। सरस्वती शिशु मंदिर टुण्डरी के संचालक बुधराम कश्यप के संयोजन अऊ नीलू वैष्णव अऊ वीरेंद्र कर्ष के सहसंयोजन म दुर्गा पंडाल नाका चौक मेन रोड टुण्डरी म आयोजित कवि सम्मेलन म 2 बजे रात तक श्रोता मन के खचाखच भीड़ उमड़े रहिस। ये बेरा म माननीय चंद्रदेव रॉय, विधायक विंधानसभा बिलाईगढ़ के माई पगरईती म अउ माई पहुना यूसुफ खान अध्यक्ष नगर पंचायत बिलाईगढ़ के संग हेमंत दुबे, सभापति प्रतिनिधि जिला पंचायत बलौदाबाजार, ताराचंद देवांगन ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी सरसींवा, विक्रांत साहू, परमानंद साहू संग आन अतिथिगण उपस्थित रहिन।
ये बेरा म नेउताए कवि मन अउ जम्मो पहुना मन कोति ले सबले पहिली माँ शारदा के प्रतिमा म दीया बारके कार्यक्रम के औपचारिक शुरुआत करे गीस। एकर पाछू विधायक श्री रॉय ह अपन उदबोधन म कविता के महत्ता अऊ ये सुग्घर आयोजन के संबंध म आयोजक मन ल बधाई देवत अंचल के ख्यातिलब्ध कवि बंशीधर मिश्रा जी के प्रारंभिक संघर्ष ले लेके पहिली काव्य संग्रह “भूतहा लोरी” तक के साहित्यिक यात्रावृतांत ले परिचित करात शुभकामना दीन। एकर पाछू मिश्रा जी के पुस्तक के विमोचन होइस।
एकर बाद सुरू होए कवि सम्मेलन म बिलाईगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि बंशीधर मिश्रा के माईक धतेच श्रोतागण के ठहाका गूंजे लगिस। उमन आम जीवन ले जुड़े बहुत अकन विसय मन म कविता पढि़न अउ अड़बड़ ताली सकेलिन। उंकर कविता ह ये कुड़कुड़ात जाड़ म घलोक ताते-तात माहौल बना दीस। फेर जी टीवी के कवि युद्ध म प्रदेश के प्रतिनिधित्व करइया बेमेतरा ले आए मंच के अकेल्ला कवयित्री श्रीमति दिव्या दुबे ह मां वीणापाणि के वंदना ले कार्यक्रम के विधिवत शुरुआत करिन। एखर बाद संचालक मिश्रा जी ह अपन अंदाज म सबो कवि मन के परिचय करात राजनांदगांव के युवा हास्य कवि मनोज शुक्ला ल मंच म उतारिन जेमन शानदार शुरुआत करत “सड़क किनारे जरा वृक्ष तो लगाओ साहब, तुम्हारे बिजली के खंभे किसी को छांव नहीं देते” पढ़के समा बांध दीस। फेर धरसींवा निवासी हास्य कवि ऋषि वर्मा बइगा ह अपन तंत्र-मंत्र ले श्रोता मन ल अड़बड़ हंसाइस।
कोरबा ले पधारे युवा गीतकार हीरामणी वैष्णव ह अपन प्यार-मुहब्बत के गीत मन ले युवा मन के दिलेच चोरा लीस। उंखर प्रसिद्ध लाइन “मेरे कॉलेज के इक लड़की से बेहद प्यार ” म श्रोता मन झूमे लागिन। झारसुगड़ा ले आए हास्य कवि अमित दुबे ह अपन निराला अंदाज़ म कविता सुनात महंगाई के मार म अभी हाल दौर के कविता ले बनेच ताली सकेलिस। दिव्या नेहा दुबे ह अपन सुरीली अवाज के जादू बिखेरत श्रृंगार के गीत-गजल ले गुलाबी ठंड ल अपन नाम करिन त बिलासपुर के आशीष मिश्रा अपन पैरोडी ले अड़बड़ हँसवाइन। चंद्रपुर के बेजोड़ हास्य कलाकार चूड़ामणि सिदार ह अपन कविता अऊ मिमिक्री ले ये कवि सम्मेलन ल आसमान म पहुँचा दीस।
कार्यक्रम के शुरुआती संचालन मड़वा निवासी शिक्षक पुष्पेंद्र डड़सेना ह करिन। आभार प्रदर्शन संयोजक बुधराम कश्यप जी ह करिन अऊ घोषणा करिन के अब ले हर बछर ये गाँव म कवि सम्मेलन के आयोजन करे जाही। आयोजकगण महेंद्र वर्मा, रामेश्वर कश्यप, राजकुमार वर्मा, नीरज साहू, मिठाईलाल, रमेश, शिव, जितेंद्र पाटले, गणेश सोनवानी, कमलेश साहू मन ह बताइन के हमर मेहनत ह आखिरकार रंग लाईस अऊ सबो कवी मन ह एक ले बढ़के एक प्रस्तुति देके श्रोता मन के दिल जीत लीन।
ये बेरा म मिश्रा जी के पिताजी कमलाकांत मिश्रा संग ऊंखर पूरा परिवार उपस्थिति रहिन। उमन बताइन कि मंचीय कविता ल पुस्तकीय कविता बनाए म बहुत संघर्ष करना परथे। ये संघर्ष ल सफलता के आधार बनात ऊंखर पहिली काव्य संग्रह के पहिली कविता भूतहा लोरी हे अऊ उही के आधार म पुस्तक के नाम रखे गए हे। ये मां छत्तीसगढ़ी हास्य व्यंग्य के कुल 26 कविता मन के संकलन हे। एखर कवर पेज ल दाता सिंह राजपूत ह डिजाइन करे हे।
के.पी.पटेल के रिपोटिंग