केंद्र सरकार साल 2022 तक कइसे बढ़ाही किसान मन के आमदनी

दुर्ग, 10 मार्च 2020। एक बेरा रहिस, जब किसान खेती-बाड़ी म कठिन समस्या के सामना करत रहिस, फेर बेरा के संगें-संग हालत बदल गे. अभी हाले म किसान मन ल कई सुविधा उपलब्‍ध कराए गए हे, जेकर से ओ मन ल खेती करे म मदद मिलत हे. देखे जाय त किसान मन के आमदनी ल दोगुना करे म सरकार घलोक अड़बड़ उदीम करत हे. सरकार किसान मन बर कई सराकारी योजना ल चलात रहहिथे. इही कड़ी म केंद्रीय कृषि अउ किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ह दावा करे हे कि अभी हाल के समय म किसान मन के औसत मासिक आमदनी 8,167 रूपिया हो गए हे. आप मन ल बता देवन के मोदी सरकार ह साल 2022 तक किसान मन के आमदनी ल दुगुना करे के लक्ष्य बनाए हे. एखर बर कई सरकारी योजना घलोक शुरू करे गए हे. एनएसएसओ के रिपोट ल देखे जाय, त सरकार ह साल 2013-14 म किसान मन के मासिक आय 6,426 रूपिया बताए रहिस. कैलाश चौधरी के बताती, कृषि के बजट साल 2014 ले पहिली 25 अऊ 30 हजार करोड़ रूपिया के बीच म रहिस. अब मोदी सरकार ह कृषि के बजट 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपिया ले पार कर देहे हे. बता देवन कि मोदी सरकार ह अप्रेल 2016 म एक अंतर मंत्रालयी समिति के गठन करे रहिस. ये समिति किसान मन के आमदनी ल दुगुना करे बर बनाए गए हे. ये गठन किसान मन के आमदनी ले जुड़े हर पहलु मन के जांच करे हे.

सरकार ल अंतर मंत्रालयी समिति ह सितंबर 2018 के रिपोट देहे हे. ये रिपोट के मुताबिक, किसान मन के आमदनी बाढ़े हे. एखर मुख्य 7 स्रोत बताए गए हे. एमां फसल उत्पादकता म सुधार, पशुधन उत्पादकता म सुधार अऊ उत्पादन लागत म बचत आदि सामिल हे. एकर मुताबिक किसान मन के आय बढ़ाय के प्रयास हर राज्य सरकार करही. मॉडल कांट्रैक्ट फार्मिंग ल बढ़ावा दे जाही. किसान मन बर इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन व्यापार मंच उपलब्‍ध कराए जाही. एखर बर ई-नाम के शुरुआत हो गए हे. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अधिकतर उपयोग होही, जेखर से किसान खाद ल हिसाब ले ही उपयोग करयं. जैविक खेती ल बढ़ावा दे जाही. कृषि वानिकी ल बढ़ावा मिलही. 5 साल म 10 हजार किसान उत्पादक संगठन मन के स्थापना के जाही. बांस ल पेड़ के श्रेणी ले हटाए जाही, संगेच एखर खेती बर प्रोत्साहित करे जाही. नीम कोटेड यूरिया ले जमीन के स्वास्थ्य सुधारे के अभियान चलाय जाही. सबसे कम समर्थन मूल्य ल उत्पादन लागत ले 150 प्रतिशत तक बढ़ाए के मंजूरी दीए जाही. पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम म 6 हजार रूपिया के सहायता दीए जाही. एखरे संग अधिकतर किसान मन ल जोड़े जाही. किसान क्रेडिट कार्ड ल बढ़ावा दे जाही. एखर संगेच ये मा फसल बीमा करवाए के अनिवार्यता खतम होही.

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