मशरूम ले वनांचल के महिला मन बनिन आत्मनिर्भर

रायपुर, 13 मार्च 2020। मशरूम स्वाद के खजाना होए के संगेच पौष्टिकता ले भरपूर होथे हे। कम लागत म एखर से जादा आमदनी लेहे जा सकत हे। एला देखत दूरिहा के वनांचल क्षेत्र मन म प्रशासन कोति ले मशरूम उत्पादन ल बढ़ावा देहे जात हे। एखर से मनखे मन ल स्थानीय स्तर म पौष्टिक आहार के संग आर्थिक आत्मनिर्भरता मिलत हे। ये दिशा म अपन कदम बढ़ात सुकमा जिला के कांजीपानी अऊ चिपुरपाल के महिला स्व-सहायता समूह मन ह स्वादिष्ट मशरूम के उत्पादन करके अपन एक अलग पहिचान कायम करे हें। एखर से महिला समूह ल न केवल आर्थिक लाभ होवत हे भलुक मनखे मन ल प्रोटीन, विटामिन, जरूरी लवण अऊ कई प्रकार के खनिज ले भरपूर पोषण आहार घलोक मिलत हे। ए समूह मन कोति ले 2 ले 3 किलो मशरूम रोजेच बेचके अकतहा आय प्राप्त करे जात हे।

मशरूम म जरूरी सबो पोषक तत्व होए के सेती ये कुपोषण दूर करे के चमत्कारी गुण रखथे संगेच ये मां कई औषधीय गुण घलोक पाए जाथे। ए लाभ मन ल देखत कृषि विभाग कोति ले एग्रीकल्चर एक्सटेंशन रिफार्म (आत्मा) योजना के अन्तर्गत महिला समूह मन ल प्रशिक्षित करके मशरूम उत्पादन बर प्रेरित करे जात हे। इहां प्रशिक्षण लेके छिन्दगढ़ विकासखण्ड के कांजीपानी गांव के कमलफूल कृषक समूह अउ चिपुरपाल गांव के ऋतम्भरा महिला कृषक समूह कोति ले मशरूम उत्पादन करे जात हे। 10 सदस्य वाले कमलफूल समूह के अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बघेल अउ सचिव श्री फुलमती मांझी हे। जबकि 11 सदस्य वाले ऋतम्भरा महिला कृषक समूह के अध्यक्ष श्रीमती सुक्को बघेल अउ सचिव श्रीमती प्रमिला नाग हे। कृषि महाविद्यालय जगदलपुर अउ रायपुर ले मशरूम उत्पादन के ढांचा के बने सहिन जानकारी होए के बाद ए समह मन ह मशरूम उत्पादन प्रारम्भ करे हें। जिला प्रशासन ह घलोक ए समूह मन के मदद करत पैरा काटे बर कटर मशीन उपलब्‍ध कराए हे। मशरूम उत्पादन ले अपन मेहनत ल साकार रूप लेत देख के ग्रामीण महिला मन खुश हे। महिला समूह ह बताइस के मशरूम के उपयोग सब्जी के रूप म करे के अकतहा एखर से बरी, पापर, आचार अऊ मशरूम पाउडर के रूप म उपयोग करे जा सकत हे। एखर उपयोग ले कई प्रकार के व्यंजन घलोक तियार करे जा सकत हे जऊन स्वादिष्ट, पौष्टिक होए के संग कुपोषण दूर करे म सहायक होथे।

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