महासमुन्द, 14मार्च 2020। महानदी के पार म बसे सिरपुर के जुन्ना संस्कृति समृद्धि अऊ वास्तुकला के लालित्य ले ओतप्रोत रहे हे। सिरपुर प्राचीन काल म श्रीपुर के नाम ले विख्यात रहे हे। पाण्डुवंशी शासक मन के काल म एला दक्षिण कोसल के राजधानी होए के गौरव मिले हे। सिरपुर के प्राचीनता के सबले पहिली परिचय शरभपुरीय शासक प्रवरराज अऊ महासुदेवराज के ताम्रपत्र मन ले मिलथे। छत्तीसगढ़ के सिरपुर के पहिचान पहिली ले ही आस्था, धर्मों अऊ संस्कृति के रूप म स्थापित रहे हे। सिरपुर के धार्मिक, पौराणिक अऊ ऐतिहासिक मान्यता हे। अब छत्तीसगढ़ शासन ह एला अऊ घलोक बने सहिन विकसित करे के निर्णय लेहे हे। शासन कोति ले राज्य के जऊन जगा ले श्री राम ह वन गमन करे रहिन ओ जगा मन के चिन्हारी करे गए हे। येमा महासमुन्द जिला के प्रमुख पुरातात्विक ऐतिहासिक अउ धार्मिक तीर्थस्थल सिरपुर सामिल हे। राज्य सरकार राम वन गमन परिपथ के संगें-संग सिरपुर ल पर्यटन स्थल के रूप म विकसित करे जात हे।
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल के अगुवाई म आज राज्य के मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी अऊ पर्यटन सचिव पी. अलबलगन मन सिरपुर के भ्रमण करिन। भ्रमण के बेरा म उमन राजमहल परिसर, सुरंग टीला, तीवरदेव बौध्द विहार अउ बाजार स्थल के अवलोकन करिन। ये दौरान मुख्य सचिव श्री मंडल ह कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल, वनमण्डलाधिकारी श्री मयंक पाण्डेय के संग चर्चा करिन। चर्चा के समय सिरपुर म जरूरी सुविधा विकसित करे ल कहे गीस। ये बेरा म आन वरिष्ठ अधिकारीगण घलव उपस्थित रहिन।