दुर्ग, 07 मई 2020। छत्तीसगढ़ म घलव अब रिचा के खेती किसान मन ह करत हें। मौसम ह बने रहिथे त किसान लागत के तीन ले चार गुना तक मुनाफा मिरचा ले कमा सकथें। जानबा हे के स्वास्थ्य बर हरियर मिरचा के सेवन अड़बड़ लाभदायक होथे। मिरचा ल टोरे के बाद कम प्रकाश अउ ठंडी जगह म ऐला स्टोर करे जाथे, नइ त घाम ले ओखर पौष्टिक तत्व खतम हो जाथे।
कृषि विज्ञान केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डा. विभा रानी के बताती अरका हर्षिता मिरचा ह बने फसल देथे। येमा शिमला मिरचा के फायदा तकापे मिलथे। ये मिरचा के खेती के सही समय जुलाई ले दिसंबर महीना तक होथे। 22 ले 25 दिन म एकर बीजू पौधा तियार हो जाथे। एखर थरहा लगाए के बाद 55 ले 60 दिन म फुल-फल आए लागथे। एखर बाद किसान दिसंबर तक फसल के चार तुड़ाई तक कर सकथें। मिरचा के पौधा म सिकुड़ा रोग के प्रकोप जादा होथे। एखर से पाना ह खोंधिरहा के सिकुड़ जाथे, जेमा फुल नइ लगय। एखर से मिरचा के उपज घटथे। सिकुड़ा सफेद मक्खी ह फैलाथे जेन वायरल बीमारी ये। फसल म एक-दू पौधा म संक्रमण होए ले पूरा फसल खराब हो सकत हे। ए खातिर शुरूच म जेन पौधा म संक्रमण के लक्षण दिखय ओला उखाड़के माटी म दबा देना चाही। एखर बाद विशेषज्ञ के सलाह ले दवा के छिड़काव करना चाही।