पंचायत ह कायम करिस एक पंथ तीन काज के मिसाल

 

फलदार पौधरोपण ले जमीन होइस अतिक्रमण ले सुरक्षित

पर्यावरण होइस हरियर अउ पंचायत बर बनिस आय के अवसर

  • मुंगेली 30 जून 2020// एक पंथ दो काज यानि एक काम ले दू लाभ प्राप्त होना। ये मुहावरा तो हम सबझन कभी न कभी सुने ही हन, लेकिन एक पंथ तीन काज के बात शायद ही कोनो ह सुने या देखे होहिं। एला छत्तीसगढ़ राज्य के मर्राकोना गाँव म जाके देखे अउ समझे जा सकत हे। मुंगेली जिला के पथरिया विकासखण्ड के ये गाँव के आश्रित ग्राम पीपरलोड़ म पंचायत ह साल 2018-19 म महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अउ महात्मा गांधी नरेगा के तहत फलदार पौधरोपण कराय रहिस। एखर अंतर्गत दू हजार अमरुद के पौधा रोपे गए रहिस, जो आज दू साल बाद अमरुद वाटिका या बिही बाड़ी के रुप ले चुके हे। पंचायत के काम आज सबो बर एक मिसाल बन गय हे।
    पंचायत के द्वारा महात्मा गांधी नरेगा से करे गए ये काम ले गाँव के 3.34 एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण ले सुरक्षित होइस साथ ही फलदार पौधरोपण ले गाँव के पर्यावरण घलो हरियर हो गे हे। एखरसे गाँव के जलवायु परिवर्तन ले निपटे म भी मदद मिलत हे। वहीं ये ग्राम पंचायत के आय के जरिया भी बने जावत हवय।
    ग्राम पीपरलोड़ म महात्मा गांधी नरेगा ले दू साल पहली लगभग तीन एकड़ ले कुछ अधिक के शासकीय भूमि म 2 हजार अमरुद के पौधा रोपण करे गय रहिस। ये काम म 25 ग्रामीण परिवार ल सीधे रोजगार मिलिस। पौधा के सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए ईहाँ पूरा क्षेत्र तार ले फेंसिंग करे गे हे। ग्राम पंचायत ह 14वें वित्त आयोग के राशि से अभिसरण करत यहाँ नलकूप कराके पौधा के लिए पानी के व्यवस्था भी करे हावय।
    मर्राकोना पंचायत के सरपंच श्रीमती फुलेश्वरी मरकाम ह बताइन कि पंचायत के लिए गाँव के शासकीय भूमि ल अतिक्रमण से बचाय सबसे बड़े चुनौती रहतिस । जेला देखत हुए ही पंचायत ह महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम ले पौधरोपण करके सुरक्षित करे के फैसला लिये रहिस। ये फैसला के तहत योजनांतर्गत 12 लाख 93 हजार रुपय के लागत ले अमरुद के पौधा ल रोपण कराय गिस। पौधरोपण कार्य अवधि तीन साल हवय। जेमें प्रथम वर्ष रोपण अउ शेष दू वर्ष संधारण कार्य शामिल हवय। ये काम ले गाँव के 25 परिवार ल कुल 1134 मानव दिवस के रोजगार महात्मा गांधी नरेगा ले मिलिस। रोपित पौधा ल संवारे म ग्रामवासि मन भी पूरा सहयोग दिन। जनभावना के अनुरुप पंचायत ह पूरा पौधरोपण ल महात्मा गांधी अमरुद वाटिका का नाम दिन।
    सरपंच श्रीमती मरकाम ह बताइन कि मुख्य मार्ग के किनारे अउ आवास मोहल्ला के पास लगाय गए अमरुद के पौधा अब बिही बगीचा के रुप ले चुके हवय। नियमित देखभाल के कारण पौधरोपण के दू साल बाद आज सबो पौधा जीवित हवय। उन्नत किस्म के पौधा होय के कारण दूसर साल म ही येमें फल आय लगे हे। ये पंचायत के लिए आय के साधन बन गय हे। पंचायत ईहाँ स्व सहायता समूह ल अंतर्वर्ती फसल के रुप म सब्जि के उत्पादन के लिए प्रेरित करे के योजना बनावत हे। जेखरसे गाँव के महिलामन ल स्वरोजगार के साधन मिल जही अउ पौधरोपण के नियमित देखभाल भी होत रही।

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