सिहावा के सप्तश्रृषि आश्रम: राम वन गमन पर्यटन सर्किट के रूप म होही विकसित

रायपुर, 05 अगस्त 2020। प्रभु श्री राम के वनवास काल म छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला स्थित सिहावा पर्वत म उंकर आगमन होय रहिस। धमतरी ले 80 किलोमीटर दूरिहा सिहावा पर्वत म सप्त ऋषि मन के आश्रम कई ठन पहाड़ी मन हे। श्री राम ह मुचकुंद ऋषि, अगस्त्य ऋषि, अंगिरा, श्रृंगि ऋषि, कंकर ऋषि, शरभंग ऋषि अऊ गौतम आदि ऋषि मन के आश्रम म जाके सबो ऋषि-मुनि मन ले भेंटकर के आशीर्वाद लेहे रहिन। सिहावा म महानदी के उद्गम स्थल हे। राम कथा मन म ये बरनन मिलथे के भगवान श्रीराम ह ए जगा मन म बिलमें रहिन। सिहावा के भौगोलिक स्थिति, ऋषि-मुनि अऊ गुरूकुल परम्परा म अध्यापन करइया पढ़ईया लईका मन बर अनुकूल हे, जिहां राम साधु-सन्यासी अउ मनीषी मन के संग सत्संग करे रहिन। सीतानदी सिहावा के दक्षिण दिशा म प्रवाहित होथे। सिहावा ले आगू श्रीराम कंकर ऋषि के आश्रम (कांकेर) पहुंचथें।

छत्तीसगढ़ शासन ह राम वनगमन परिपथ ल एक पर्यटन सर्किट के रूप म सामिल करके वोखर सौंदर्यीकरण अऊ विकास के योजना तियार करे हे। नवा पर्यटन सर्किट म प्रभु श्रीराम अपन वनवास काल के समय जिहां-जिहां ले प्रवास करे रहिन वो जगा मन या परिपथ ल सुग्‍घर सड़क के संग पर्यटन सुविधा के संग विकसित करे जाही।

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