केन्द्र सरकार के एक राष्ट्र-एक बाजार अध्यादेश किसान मन बर अहितकारी: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

  • मनखे मन के भावना के मुताबिक होवत हे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के विकास: श्री भूपेश बघेल
  • छत्तीसगढ़ सरकार ह कोरोना संकट काल म गरीब, मजदूर, किसान अऊ अदिवासी मन ल करिस 70 हजार करोड़ रूपिया के मदद
  • मुख्यमंत्री ह गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला ल दीस 332 करोड़ रूपिया के विकास काम मन के सौगात

रायपुर, 18 सितंबर 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह आज कहिन के केन्द्र सरकार के एक राष्ट्र-एक बाजार अध्यादेश किसान मन के हित म नइ हे। एखर से मंडी के ढांचा खतम होही, जऊन किसान मन अऊ व्यापारी मन दुनों बर लाभप्रद नइ हे। अधिकांश कृषक लघु सीमांत हें, एखर से किसान मन के शोषण बाढ़ही। उंकर मेर अतका सामरथ नइ हे के राज्य के बाहिर जाके उपज बेच सकयँ। किसान मन ल उंखर उपज के सबले कम समर्थन मूल्य नइ मिलय। मुख्यमंत्री ह आगू कहिन के केन्द्र सरकार के अधिनियम म संशोधन करे ले जरूरी समान मन के भंडारण अऊ मूल्य वृद्धि के विरूद्ध कार्यवाही करे मे कठिनाई होही। कान्ट्रैक्ट फार्मिग ले निजी कंपनी मन ल फायदा होही। सहकारिता म निजी क्षेत्र के प्रवेश ले बहुराष्ट्रीय कंपनि, बड़े उद्योगपति सहकारी संस्था मन ऊपर कब्जा कर लेहीं अऊ किसान मन के शोषण होही।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपन निवास कार्यालय ले वीड़ियो कॉन्फ्रेंसिंग के संग गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला ल 332.64 करोड़ के विकास काम मन के सौगात देहे के बाद कार्यक्रम ल मुख्य अतिथि के आसंदी ले संबोधित करत रहिन। ए अवसर म कार्यक्रम के अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ह करिन। कार्यक्रम म सबो मंत्रीगण, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत अऊ आन जनप्रतिनिधि कार्यक्रम म वीड़ियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम ले सामिल होइन।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन के आम जनता के हित मन के संरक्षण अऊ उंखर खुशहाली हमर सरकार के प्राथमिकता हे। ये प्रेरणा हमला विरासत म मिले हे। देश के पहिली प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ले लेके लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी के नीती अऊ आदर्श के अनुसरन करत छत्तीसगढ़ सरकार गरीब, मजदूर, किसान अऊ आदिवासी मन के बेहतरी बर काम करत हे। उमन कहिन के कोरोना आपदा काल म छत्तीसगढ़ सरकार ह मनखे मन ल अपन जनहितैषी कार्यक्रम अऊ योजना मन के संग 70 हजार करोड़ रूपिया के सीधा मदद देहे हे।

मुख्यमंत्री ह आगू कहिन के आज देश अऊ दुनिया कोरोना संकट ले जूझत हे। बहुत अकन देश मन के राष्ट्रीय सरकार मन ह किसान, गरीब अऊ आपदा पीड़ित मन के प्रति सहानुभूति के रवैया रखत बीमारी के नियंत्रण म बने सफलता हासिल करे हें। फेर हमार देश ह जऊन प्रकार ले सर्जिकल स्ट्राइक के तरीका ले नोटबंदी, जीएसटी अऊ लॉकडाउन करिस, ओखर से सरलग हालत खराब होत गिस अऊ सबके मिले-जुले असर कोरोना काल म राष्ट्रीय आपदा के रूप म आगू आए हे। कहूं केन्द्र सरकार रचनात्मक अऊ सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखतिस त देश ल आज अइसन दिन नइ देखे ल परतिस। मुख्यमंत्री ह कहिन के छत्तीसगढ़ सरकार ह कोरोना काल म जऊन रचनात्मक नजरिया रखे हे ओखर सेती हम किसान, मजदूर, गरीब, गांव वाले मन, वन आश्रित मन ल 70 हजार करोड़ रू. के आर्थिक मदद कर पाए हवन। उमन कहिन के मोला दुख होथे के ए संकट काल म घलोक हमार वो पुरखा मन के योगदान ल भुलाए के कोसिस करे जात हे, जेमन देश ल अपन सही सोच अऊ सही नेतृत्व ले स्वावलंबी बनाय रहिन।

मुख्यमंत्री ह कहिन के जब देश स्वतंत्र होइस ओ समय देश म कृषि अऊ कृषक मन के स्थिति बहुत खराब रहिस। भुखमरी के स्थिति म खड़े देश ल आत्मनिर्भर बनाए बर अभियान चलाए गीस। पहिली प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ह आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 लागू करिस, जेखर से जमाखोरी अऊ कालाबाजारी उपर रोक लगिस। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के समय प्रमुख फसल मन के न्‍यूनतम समर्थन मूल्य निरधारित करे बर कृषि मूल्य आयोग गठित करे गीस। प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ह भारत के परंपरागत कृषि ल ‘‘हरित क्रांति’’ म बदल दीन। उमन कृषक मन बर बैंक के दुवार खोले बर बैंक मन ल राष्ट्रीयकरण कर दीन।

मुख्यमंत्री ह ए अवसर म 1970 के दशक म एग्रीकल्चर प्रोडयूस मार्कटिंग (रेगुलेशन) ऐक्ट के उल्लेख करत कहिन के एखर तहत किसान मन ल ऊंखर उत्पाद मन के लाभकारी मूल्य देवाए बर कृषि विपणन समिति मन बने रहिन। ए समिति मन के उद्देश्य बाजार के अनिश्चितता मन ले किसान मन ल बचाना अऊ उंखर शोषण रोकना रहिस। ए एक्ट के संग मंडी समिति मन के गठन करे गीस। ए मंडि मन म कृषक मन ल उंखर उपज के सही मूल्य मिलत हे। कृषक अपन प्रतिनिधि चुनथें, जऊन मंडी समिति के प्रबंधन करथे।

मुख्यमंत्री ह आगू कहिन के आज केन्द्र सरकार से विश्वव्यापी कोरोना संकट के समय के अवसर ल अच्छा अवसर मानत कृषक मन के शोषण बर चार अध्यादेश लाए हे। जेखर तहत एक राष्ट्र- एक बाजार के एक्ट म संशोधन करे गए हे। ये मां किसान मन ल देश के कोनो हिस्सा म अपन उपज बेचे के छूट दे गए हे। ये मां किसान अऊ व्यापारी ल उपज खरीदी-बिक्री बर राज्य के मंडी के बाहिर टैक्स नइ देना होही अर्थात मंडी म फसल मन के खरीदी-बिक्री के अनिवार्यता खतम हो जाही अऊ निजी मंडी मन ल बढ़ावा मिलही।

मुख्यमंत्री ह कहिन के अइसनहे आवस्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 म संशोधन, खाद पदार्थ मन के उत्पादन अऊ बिक्री ल नियंत्रण मुक्‍त करे गए हे। तिलहन, दलहन, आलू, प्याज जइसन उत्पाद मन ले स्टाक सीमा हटाए के फैसला लेहे गए हे। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिग अऊ सहकारी बैंक मन म निजी इक्विटी के अनुमति के प्रावधान करे गए हे। मुख्यमंत्री ह कहिन के हमर स्पष्ट मत हे के कोरोना आपदा के समय म केन्द्र सरकार कोति ले जऊन अध्यादेश लाए गए हे, ओखर बहुत बुरा असर होही।
मुख्यमंत्री ह कहिन के हम पुरजोर तरीका ले केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों के विरोध करबोन। उमन कहिन के आज देश के आगू दू मॉडल स्पष्ट हे के आपदा म जनसेवा के माध्यम ले विश्वास जगात सबला संग लेके चलइया छत्तीसगढ़ी मॉडल और दूसरा आपदा ल मनमानी करे के अवसर मनइया केन्द्र सरकार के मॉडल। उमन कहिन के हमला अपन छत्तीसगढ़ी मॉडल उपर भरोसा हे, जऊन हर आपदा के समय म जरूरतमंद मन ल सीधा मदद पहुंचाए के संगेच नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के विकास ल नवा आयाम देवत हे।

लउछरहा..