रइपुर, 16 अप्रैल 2021 शुकवार । राज्य के कृषि मौसम विभाग के वैज्ञानिक मन ह प्रदेश के किसान मन ल मौसम आधारित कृषि के सलाह दीन हे। ग्रीष्मकालीन धान, दलहन, तिलहन, मूंगफली, गन्ना फसल अउ सब्जी मन म होवइया रोग-ब्याधि के नियंत्रण अउ फसल मन के देखभाल के बारे म कई ठिन उपयोगी सुझाव दीन हें ।
कृषि वैज्ञानिक मन ह कहीन हे कि वर्तमान समे म ग्रीष्मकालीन धान पुष्पन अवस्था म हवय । अवइया दिन म हल्का बादर छाए के संभावना ल धियान रखत धान के फसल म तना छेदक कीट के प्रकोप बाढ़ सकत हे,येेकर सरलग निगरानी अउ आवश्कतानुसार सिंचई करैं। ग्रीष्मकालीन धान के फसल म तना छेदक कीट के नियन्त्रण बर रायनेक्सीपार 20 प्रतिशत SC 150 ग्राम प्रति हेक्टेयर या फिपरोनिल 5 प्रतिशत SC @ 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के दर ले छिड़काव करैं।
दलहन फसल मन म थ्रिप्स कीट के उपस्थिति के जाँच करैं । तिलहन फसल मन म आवश्यकता के अनुसार सिंचई करैं। मूंगफल्ली के फसल फल्ली बनने के अवस्था म हवय, एकर बर निश्चित अंतराल म सिंचाई करैं । गन्ना फसल कल्ले बनने के अवस्था म हे, ओमे आवश्यकता अनरूप सिंचई करैं ।
सब्जी मन के बेल वाले फसल मन ल मचान-सहारा मन ल ठीक करैं अउ कुंदरू — परवल म उर्वरक देवैं ।ग्रीष्मकालीन शकरकंद के रोपाई तको शुरू करे के सलाह किसान मन ल देहे गे हे ।
कृषि वैज्ञानिक मन ह बताइन हे कि फल-फूल आमा, दरमी ।अनार। अउ नीबूं पेड़ मन म थाला बनाके प्रत्येक 4-5 दिन म हल्का सिंचई करैं । अप्रैल अउ मई के महीना म फलदार वृक्ष रोपण बर गड्डा खोदके छोड़ देवैं अउ बारिश के पश्चात् रोपाई करैं। केला अउ पपीता के पौधा म सप्ताह म एक घंव पानी बजुर देवैं अउ टपक सिंचई पद्धति म सिंचई समय बढ़ावय ।