कोरोना संकट के घड़ी म तेंदूपत्ता संग्रहण बनिस वनवासी मन के सहारा

  • जिला म 5 करोड़ 64 लाख ले जादा के होइस खरीदी
  • नारायणपुर म तेजी से होवत हे तेंदूपत्ता के संग्रहण, अब तक 14108 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित
  • 4000 रुपया प्रति मानक बोरा ह आसान करिस जनजाति अंचल के आदिवासी मन के जिन्दगी
  • खरीद केन्द्र मन म नियम मन के मर्यादा बनिस कोरोना ले सुरक्षा के कवच
  • सुरक्षा मानक मन के पूरा-पूरा पालन बनिस ढाल

नारायणपुर 20 मई, 2021। जिला म मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशा के मुताबिक तेंदूपत्ता संग्रहण के काम तेजी से करे जात हे। तेंदूपत्ता, जेला हरियर सोना के नाम ले घलोक जाने जाथे। हर बछर एकर अगोरा आदिवासी अंचल के गांव वाले मन ल रहिथे, काबर के तेंदूपत्ता ले बनेच आमदनी होथे, जेखर से परिवार के जरूरी जरूरत के पूर्ति करे म अड़बड़ मदद मिल जाथे। ये कोरोना संकट के समय ये अऊ मददगार साबित होवत हे। पूरा छत्तीसगढ़ समेत नारायणपुर जिला म घलोक तेंदूपत्ता संग्रहण इहां के वनवासी मन बर आय के मुख्य जरिया होथे। प्रदेश के जनजाति बाहुल जिला मन म आदिवासी मन ल राहत पहुंचाए बर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक म बढ़ोतरी करत 2500 रूपिया ले बढ़ाके 4000 रूपिया प्रति मानक बोरा करे हे। प्रति मानक बोरा 1500 रूपिया जादा मिले ले ए आदिवासी अंचल के वनवासी मन के जिन्दगी आसान हो गए हे। वाजिब दाब मिले ले तेन्दूपत्ता संग्राहक अब खुश हे। तेन्दूपत्ता के खरीद कोरोना संक्रमण के समय म एक मुश्किल भरे कदम जरूर रहिस, फेर कोरोना के कवच बने नियम मन के अक्षरशः पालन ह एला अऊ जादा आसान कर देहे हे।

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