रायपुर, 12 जुलाई 2021। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रथ दूज के अवसर म अपन निवास कार्यालय म महाप्रभु जगन्नाथ, माता सुभद्रा अऊ भगवान बलभद्र जी के मंत्रोच्चार अऊ शंख अवाज के संग विधिवत पूजा अर्चना करके महाप्रभु जगन्नाथ ले प्रदेशवासी मन के सुख, समृद्धि अऊ निरोगी जीवन के कामना करत सबो ल रथ-यात्रा पर्व के बधाई अऊ शुभकामना दीन।
मुख्यमंत्री श्री बघेल गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर ले वर्चुअल रूप ले जुड़त महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन करिन अऊ रथ यात्रा महोत्सव म सामिल होइन। मुख्यमंत्री श्री बघेल ह ये बेरा म अपन उद्बोधन म कहिन कि भगवान जगन्नाथ ओडिशा अऊ छत्तीसगढ़ के संस्कृति ले समान रूप ले जुड़े हें। रथ-दूज के ये तिहार ओडिशा के जइसे छत्तीसगढ़ के संस्कृति के घलोक अभिन्न हिस्सा हे। छत्तीसगढ़ के शहर मन म आज के दिन भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा निकाले के परंपरा सदियों ले चले आवत हे। उत्कल संस्कृति अऊ दक्षिण कोसल के संस्कृति के बीच के ये साझेदारी अटूट हे। अइसन मान्यता हे कि भगवान जगन्नाथ के असली स्थान छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण-तीर्थ हे। इहें ले ओ मन जगन्नाथपुरी जाके स्थापित होइन। शिवरीनारायण म ही त्रेता युग म प्रभु श्रीराम ह माता शबरी के मीठ बोईर ल ग्रहण करे रहिन। इहां अभी हाल म नर-नारायण के मंदिर स्थापित हे। शिवरीनारायण म सतयुग ले ही त्रिवेणी संगम रहे हे, जिहां महानदी, शिवनाथ अऊ जोंक नदिया मन के मिलन होथे। छत्तीसगढ़ म भगवान राम के वनवास-काल ले संबंधित स्थान मन ल पर्यटन-तीर्थ के रूप म विकसित करे बर शासन ह राम-वन-गमन-परिपथ के विकास के योजना बनाए हे। ये योजना म शिवरीनारायण घलोक सामिल हे। शिवरीनारायण के विकास अऊ सौंदर्यीकरण ले ओडिशा अऊ छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक साझेदारी अऊ गहिर होही।
श्री बघेल ह कहिन कि छत्तीसगढ़ म भगवान जगन्नाथ ले जुड़े एक महत्वपूर्ण क्षेत्र देवभोग घलोक हे। भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण ले पुरी जाके स्थापित हो गे, तभो ऊंखर भोग बर चावल देवभोग ले ही भेजे जात रहिस। देवभोग के नाम म ही भगवान जगन्नाथ के महिमा समाए हे।
उमन ह बताइन कि बस्तर के इतिहास घलोक भगवान जगन्नाथ ले अभिन्न रूप ले जुड़े हे। सन् 1408 म बस्तर के राजा पुरुषोत्तमदेव ह पुरी जाके भगवान जगन्नाथ ले आशीर्वाद प्राप्त करे रहिन। उंकरे याद म उहां रथ-यात्रा के तिहार गोंचा-पर्व के रूप म मनाए जाथे। ये तिहार के प्रसिद्धि पूरा विश्व म हे। उत्तर-छत्तीसगढ़ म कोरिया जिला के पोड़ी ग्राम म घलोक भगवान जगन्नाथ विराजमान हे। उहां घलोक उंखर पूजा अर्चना के बहुत जुन्ना परंपरा हे।
ओड़िशा जइसे छत्तीसगढ़ म घलोक भगवान जगन्नाथ के प्रसाद के रूप म चना अऊ मूंग के प्रसाद ग्रहण करे जाथे। अइसे मान्यता हे कि ये प्रसाद ले निरोगी जीवन प्राप्त होथे। जेन प्रकार से छत्तीसगढ़ ले निकलइया महानदी ओडिशा अऊ छत्तीसगढ़ दुनों ल समान रूप ले जीवन देथे, वइसनहे भगवान जगन्नाथ के कृपा दुनों प्रदेश ल समान रूप ले मिलत रहे हे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि ये समय, पूरा विश्व बर कठिन समय हे। कोरोना महामारी ह हम सबो ल बहुत पीरा देहे हे। कोरोना के पहली अऊ दुसर लहर के समय हमन बहुत कुछ गंवाए हन। अभो संकट टले नइ हे। विशेषज्ञ मन चेतावनी देवत हें कि तीसर लहर घलोक आ सकत हे। भगवान जगन्नाथ ले प्रार्थना हे कि ओ मन हमला ये संकट ले उबारंय। ओ मन ये महामारी ले हम सबके रक्षा करयं। उमन मनखे मन ले अपील करिन कि रथ-यात्रा पर्व के आनंद लेत घलोक सबो मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग अऊ सैनेटाइजेशन के नियम मन के पालन करयं। नियम मन के पालन करके ही आप मन खुद ल, अऊ अपन परिवार ल सुरक्षित रख पाहू। जेन मनखे मन ह अब तक कोरोना के टीका नइ लगवाए हें ओ मन ल जल्दी ले जल्दी टीका लगवा लेना चाही।
ये बेरा म वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, महिला अऊ बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू मुख्यमंत्री निवास म उपस्थित रहिन।
एखर संगेच कार्यक्रम म रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, गायत्री मंदिर के संचालक श्री पुरन्दर मिश्रा अऊ जनप्रतिनिधिगण जगन्नाथ मंदिर गायत्री नगर रायपुर ले वर्चुअल माध्यम ले जुड़े रहिन।