राजनांदगांव, 30 अगस्त 2021। छत्तीसगढ़ म जैव विविधता के भरपूर भंडार हे। इहां के कुल भौगोलिक क्षेत्र 44 प्रतिशत जंगल ले घिरे हे। इहां प्रचुर मात्रा म वनोपज पाए जाथे। राज्य सरकार 52 प्रकार के लघु वनोपज के खरीदी करथे। छत्तीसगढ़ के जेन जिला मे जउन लघु वनोपज जादा पाए जाथे, उहां राज्य सरकार उही लघु वनोपज के प्रसंस्करण केंद्र विकसित तको करत हे, ताकि ओखर से आन उत्पाद बना के बेंचे जा सकय। ये कड़ी म राजनांदगांव जिला म बहुतायत म पाए जाय वाले लघु वनोपज मउहा बर प्रसंस्करण यूनिट बनाय गए हे। जिहां मउहा ले बने कई ठन उत्पाद बनाए जात हे। अभी हाले म छत्तीसगढ़ प्रवास म आए केन्द्रीय जनजातीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ह सेमरा स्थित फूड पार्क म आयोजित ट्राईफेड के वनधन सम्मेलन 2021 कार्यक्रम म राजनांदगांव जिला के वन धन केन्द्र कौरीनभाटा (महुआ प्रसंस्करण केन्द्र) ल लघु वनोपज के वैल्यू एडेड श्रेणी म उत्कृष्ट उत्पाद निर्माण बर सम्मानित तको करे रहिन।
राजनांदगांव जिला के प्रसंस्करण केन्द्र म मउहा ले बने स्वादिष्ट उत्पाद महुआ स्क्वैश (शरबत), महुआ आरटीएस (जूस), महुआ चटनी, महुआ चिक्की, महुआ लड्डू अऊ सूखा महुआ उपलब्ध हे। प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन अऊ कैल्शियम ले भरपूर मउहा ह स्वास्थ्य बर लाभदायक होथे। प्रोसेसिंग यूनिट म चिरई जाम ले जामुन चिप्स घलोक बनाय जात हे, जेन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन ए अऊ से ले भरपूर हे अऊ डायबिटीज मने सुगर के मरीज मन बर फायदेमंद हे। मउहा के उत्पाद मार्केट म अऊ दुर्ग मार्ट संजीवनी विक्रय केन्द्र म घलोक उपलब्ध हे। राजनांदगांव जिला म स्थानीय लघु वनोपज के उपलब्धता के मुताबिक वन धन केन्द्र म महिला स्वसहायता समूह ह वेरायटी के उत्पाद बनावत हे। ये केन्द्र के माध्यम ले जनसामान्य ल पौष्टिक प्रोडक्ट स्थानीय स्तर म उपलब्ध कराए जात हे, उहें समूह के महिला मन घलोक आर्थिक रूप ले मजबूत बनत हें। मउहा प्रसंस्करण केन्द्र म बने पौष्टिक लाडू लउहेच मानपुर क्षेत्र के सघन सुपोषण योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र मन म लइका मन ल देहे जाही।