बैंक के दरवाजा नइ देखे रहिस गीता ह: आज गांव वाले मन बर बनिस बैंक वाले दीदी

  • बिहान ह दिलाई गीता ल नवा पहिचान
  • मिनी राइस मिल अऊ किराना दुकान संचालन घलोक आमदनी के जरिया

कोरिया, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान ह महिला मन ल अलग-अलग आजीविका चुने के अवसर देहे हे। अपन रुचि के मुताबिक काम चुनके महिला मन ना केवल आर्थिक रूप ले सशक्त होवत हे भलुक मानसिक तौर म घलोक महिला मन म आत्मविश्वास जागे हे। अइसनहेच कहानी हे गीता दीदी के। घरेलू महिला ले वोला अब, बैंक वाले दीदी के रूप म मनखे जाने लगे हे। ‘बिहान ह मोला मोर नाम ले पहिचान देवाए हे’ ये कहना हे जनपद पंचायत खड़गवां के बंजारीडाण्ड गांव के गीता के। गीता बताथे के 2019 ले मैं ह बिहान योजना के तहत माँ शक्ति स्‍व सहायता समूह ले जुड़ेवं। इहां बैंक सखी के प्रशिक्षण देहे गीस। एखर से पहिली मैं कभू बैंक तक नइ गए रहेंव अऊ आज मैं बैंक के सब्बो काम करत हंव। ये मां खड़गवां विकासखण्ड के 5 ग्राम पंचायत के भुगतान, मनरेगा के मजदूर मन के भुगतान, घर-घर जाके पेंशन भुगतान, दिव्यांगजन मन ल पंचायत स्तर म ऊंखर घर तक सुविधा अऊ आन काम करत हंव। ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव ले लेके सबो गांव वाले मन घलोक मोला चिन्‍हें लगे हें। बिहान ह मोला एक नवा पहिचान देहे हे।
बैंक सखी के संगें-संग गीता मिनी राइस मिल अऊ किराना दुकान के संचालन घलोक करत हे। ओ ह बताथे कि बैंक लिंकेज ले समूह ल मिले 2 लाख रूपिया के लोन म ले समूह के सहमति म एक लाख धान अऊ आटा चक्की अऊ किराना दुकान के काम शुरू करेंव। ए सब ले घलोक मोला 12 -15 हजार तक के मासिक आमदनी हो जाथे। जेखर से मोला आर्थिक रूप ले बल मिले हे। आर्थिक मजबूती ह गीता म आत्मविश्वास जगाए हे। ओ ह काम अऊ घर दुनों संभालत हे अऊ परिवार के जरूरत मन ल पूरा करे म घलोक बड़का योगदान देवत हे।

लउछरहा..