दिव्यांग लक्ष्मीन ह अपन हौसला ले जिंदगी म भरिस नवा रंग

टेक्नोलॉजी के उपयोग म दक्ष लक्ष्मीन हे कई मनखे मन के प्रेरणा
मनरेगा मेट के जुम्‍मेदारी के संग मजदूर मन के कई प्रकार ले करथे मदद

मुंगेली, दुनिया म सिरिफ एके विकलांगता हे… नकारात्मक सोच। कहूं सोच सकारात्मक होही त कठिनाई के बीच घलोक सफलता के दुवार खुल जाथे। अइसन बहुत अकन मनखे हें जेमन अपन सकारात्मक सोच अऊ मजबूत इच्छाशक्ति ले शारीरिक अक्षमता ल कमजोरी नइ बनन दीन। मुंगेली जिला के पथरिया विकासखंड के सांवा ग्राम पंचायत के दिव्यांग मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) मेट श्रीमती लक्ष्मीन साहू के कहानी घलोक अइसनहेच हे। अपन लगन अऊ ललक ले नवा टेक्नोलॉजी के उपयोग म दक्षता हासिल करके वो ह गांव के कई मनखे मन के प्रेरणा बन गए हे। मनरेगा काम मन म मेट के अपन जुम्‍मेदारी ल निभाए के संग वो मजदूर मन के कई तरीका ले मदद घलोक करथे।
गांव म मनरेगा काम संचालित होए म लक्ष्मीन रोजेच भिनसरहा तियार होके कार्यस्थल म पहुंचथे अऊ उहां काम करत मजदूर मन के उपस्थिति अपन मोबाइल म मौजूद ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिसटम एप’ म दर्ज करथे। कहूं कोनो मजदूर ल अपन बैंक खाता म मनरेगा मजदूरी आए के जानकारी लेना होथे, तो वो सीधा लक्ष्मीन तीर आथे। लक्ष्मीन मनरेगा-पोर्टल ले रिपोट देखके ओखर मजदूरी के खाता म जमा होए या नइ होए के जानकारी दे देथे। एखर से मजदूर मन ल अनावश्यक बार-बार बैंक नइ जाना परय। लक्ष्मीन तकनीकी कारन ले मजदूरी भुगतान के रिजेक्ट खाता मन के पता करके ओ मन ल सुधारे म ग्राम पंचायत अऊ जनपद पंचायत के कर्मचारी मन के मदद करथे। बारहवीं तक पढ़े-लिखे लक्ष्मीन ह सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग करके अपन शारीरिक अक्षमता ल अइसन दिव्यांगता म बदल देहे हे जेकर मनखे मिसाल देवत हे। ओखर हौसला ल देखके गांव के दू आन दिव्यांग महिला श्रीमती कांतिबाई अऊ श्रीमती संगीता राजपूत घलोक मनरेगा काम मन ले जुड़ गए हें। पाछू वित्तीय साल 2020-21 म उमन 23 अऊ 26 दिन के रोजगार प्राप्त करे हें।
मनरेगा मेट लक्ष्मीन के जुन्‍ना बेरा संघर्ष ले भरे रहे हे। मनरेगा मजदूर ले मनरेगा मेट बने के सफर ओखर बर आसान नइ रहिस। वो पैर ले 50 प्रतिशत दिव्यांग हे। ओखर पति श्री नरेश साहू किसान हे। लक्ष्मीन मेट बने के पहिली परिवार के संग मनरेगा काम मन म अपन शारीरिक क्षमता के हिसाब ले मजदूरी करत रहिस। फेर दिव्यांग होए के सेती आन मजदूर मन के जइसे काम करे म ओला कठिनाई होत रहिस। एखर से ओला संकोच के होत रहिस। सरंपच श्रीमती मुद्रिका साहू अऊ ग्राम रोजगार सहायक ह ओखर शैक्षणिक योग्यता ल देखके मनरेगा काम मन बर तियार करे जात मेट-पैनल म सामिल होए बर प्रेरित करिन। लक्ष्मीन के सहमति के बाद पथरिया विकासखण्ड म क्लस्टर लेवल म आयोजित मेट-प्रशिक्षण म ओखर प्रशिक्षण घलोक शुरू हो गीस। ये दौरान ओला फील्ड म चलत काम मन के भ्रमण घलोक कराए गीस। काबर कि लक्ष्मीन पहिलीच मजदूर के रूप म योजना ल भली-भांति समझत रहिस अऊ पढ़े-लिखे घलोक रहिस, ते पाए के तुरंत सबो बारीकी मन ल समझ गीस। नरेगा-सॉफ्ट के प्रशिक्षण के समय ओ ह ऑनलाइन जॉब-कार्ड अऊ मजदूरी भुगतान संबंधी अपडेट देखना घलोक सहजता ले सीख लीस।
मनरेगा मेट के रूप म अपन पांच साल के अनुभव के बारे म लक्ष्मीन कहिथे कि जब ले ओ ह मेट के तौर म काम करना शुरू करे हे, मनखे मन के ओखर प्रति नजरिया बदल गए हे। अब ओ मन मोला सम्मान देवत हें। गांव के आन महिला मन घलोक अब मेट के काम करना चाहत हें। ग्राम पंचायत के मेट-पैनल म अब दस आन महिला मन घलोक हे, जिंकर संग मिलके वो मजदूर मन के हाजिरी भरे के संगें-संग ऊंखर कोति ले खोदे गए गोदी मन के माप के रिकार्ड घलोक रखथे। वो कहिथे – “गांव के मनखे अब मोर बात मन ल सुनथें अऊ मोर से राय घलोक लेथें। ये सब बहुत अच्छा लागथे। मनरेगा ले मोर जीवन म बहुत बदलाव आए हे। ए ह मोला बाकी ले अलग नइ करिस, भलुक अऊ मनखे ले मोला जोड़ दीस।’’
मेट बने के बाद ले लक्ष्मीन के जीवन म रंग निखरे लगे हे। वो गांव के मां कर्मा स्वसहायता समूह के सक्रिय सदस्य घलोक हे। सावां ग्राम पंचायत म बने मुंगेली जिला के पहिली आदर्श गौठान म वो ह अपन समूह के आन महिला मन के संग मिलके वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन अऊ बांस ले ट्री-गार्ड बनाए के घलोक काम करत हे। ए सब गतिविधि मन ले मिले आमदनी ले ओखर परिवार के आर्थिक स्थिति मजबूत होवत हे।

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