साग-भाजी के संग मछली पालन ले होवत हे अकतहा कमई

जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़ शासन कोति ले किसान मन ल कई ठन योजना मन के फायदा पहुंचा के उंखर आमदनी बढ़ाए म सहयोग करे जात हे। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना जइसे योजना मन ले किसान मन के खेत मन म कुआं, डबरी खोदवाके सिंचाई के सुविधा मुहैय्या कराए जात हे। जांजगीर-चांपा जिला के दमाऊ पहाड़ के सुरम्यवादी मन के बीच बसे गांव बरपालीकला के रहइया फुलेशराम अब बेहद खुशहाल जीवन जीयत हे। वोखर खुशी के कारण हे, वोखर खेत मन म बने निजी डबरी। ये डबरी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना ले बने हे। जेमां सकलाए बरसा के बूंद ले वोखर जमीन म नमी बने रहिथे अऊ धान के फसल बेहतर होए लगे हे। डबरी ले मिले फायदा ले फुलेशराम अतीक उत्साहित हे कि वो ह एखर संगेच अपन भविष्य के योजना मन के सपना देखत हे। ओ ह धान के फसल के संगेच मछलीपालन अऊ सब्जी-भाजी उत्पादन के काम करत हे।
फुलेशराम के डबरी सक्ती विकासखण्ड ले 15 किलोमीटर दूर बरपाली कलां ग्राम पंचायत म हे। वोखर पास 5 एकड़ जमीन हे, जेन म ओ ह कई साल ले खेती-किसानी करत आत हे। फेर जल संचय या जल स्त्रोत के अभाव म एके फसल ले पात रहिस। रोजगार सहायक ह सलाह दीस कि महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम ले खेतीहर किसान मन के जमीन म डबरी अऊ कुआं निर्माण जइसे जल संसाधन मन के निर्माण करे जा सकत हे। निर्माण के समय हितग्राही ल वोमें मजदूरी करे के अवसर घलोक मिलथे।
फुलेशराम ह खेत म डबरी बनाए बर ग्राम पंचायत म आवेदन जमा करिस। पात्रता के आधार म खेत म निजी डबरी निर्माण बर 2.99 लाख रूपिया के मंजूरी मिल गीस। उहाँ डबरी खुदाई के काम 4 दिसंबर 2020 ले शुरू होइस। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना श्रमिक मन के संग वो ह घलोक डबरी के खुदाई म कंधा ले कंधा मिलाके काम करिस। मेहनत सफल होइस अऊ फुलेशराम के खेत म डबरी के निर्माण 20 फरवरी 2021 को पूरा हो गीस। ये काम म गांव के ही 91 परिवार मन ल 1,452 मानव दिवस रोजगार प्रदान करे गीस। जेखर बर 2 लाख 75 हजार 880 रूपिया के मजदूरी के भुगतान करे गीस। श्री फुलेशराम के परिवार ल घलोक ये मां रोजगार मिलीस अऊ ओ मन ल एखर बर 19 हजार 380 रूपिया के मजदूरी घलोक प्राप्त होइस।
फुलेशराम बताथे कि पहिली खेती बर बारिश के पानी उपर ही निर्भर रहना परत रहिस। अइसन स्थिति म करीबन 80 क्विंटल के आस-पास ही धान के पैदावार हो पात रहिस। डबरी ले सिंचाई के सुविधा मिले ले वोतनेच जमीन म 105 क्विंटल धान के पैदावार होइस, जेन पउर साल के तुलना म 25 क्विंटल जादा रहिस। वोकर बताती ये साल होए जादा पैदावार ले जेन मुनाफा होही, ओखर से ओ ह खेती-किसानी के उपकरण खरीदही। मुनाफा बढ़े ले फुलेशराम के पूरा परिवार अब खुशहाल हे।

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