रायपुर, कुछ मनखे अपन मजबूत इरादा ले अपन तकदीर खुदे लिखथें। अइसन मनखे मन म ले एक कोण्डागांव के मर्दापाल के तीर बसे नक्सल प्रभावित गांव बादालूर के दिव्यांग एवन्ती विश्वकर्मा घलोक हे। बोले अऊ सुने म असमर्थ एवंती ह अपन मेहनत ले अपन स्वावलंबन के रद्दा तय करे हे। अब वो सिलाई सीख के अपन पांव म खड़े हो गए हे। राज्य सरकार कोति ले संचालित गारमेंट फैक्टरी म काम करके ओ हर अपन दिव्यांगता ल घलोक मात दे देहे हे।
एवन्ती के पिता मंगू विश्वकर्मा बताथे कि 20 बछर एवन्ती बचपन ले ही सुन-बोल नइ पावय, एखर सेती ओखर शिक्षा बहुत कठिन हो गए रहिस। एवन्ती ह अपन शारीरिक कमी ल कभू खुद उपर हावी होए नइ दीस। वो हमेशा खुश रहय।
एवन्ती के बारे म हम पहिली इहां लिखे हन आप खुदे पढ़व …
एवन्ती: गारमेंट फैक्ट्री म काम करके लिखत हे स्वावलम्बन के नवा कहिनी