बीजापुर, जिला म सीमान्त किसान मन के निजी जमीन म महात्मा गांधी नरेगा ले बने डबरी उंखर आजीविका बढ़ाए म महत्वपूर्ण भूमिका निभावत हे। डबरी म मछली पालन अऊ तीरःतखार के खेत मन म लहलहात फसल, डबरी के मेढ़ं मन म लगे हरियर साग-भाजी गांव म अब ये आम नजारा देखे ल मिलत हे।
विकासखण्ड भैरमगढ़ के ग्राम पंचायत मंगलनार ग्राम पुसनार के किसान श्री घासीराम अउ लक्षमण बताथे कि किसानी अऊ मजदूरी करके ओ मन अपन परिवार के भरण-पोषण करत रहिन। खेत मन म सिंचाई के साधन नइ होए के सेती जइसे-तइसे जीवन-यापन करत रहिन। सीमित आमदनी म परिवार के जीवन-यापन करना बहुतेच कठिन होवत रहिस। तभे साल 2018-19 म महात्मा गांधी नरेगा ले डबरी स्वीकृत होए के सूचना मिलीस! हमन अपन खेत म डबरी बनवाए बर आवेदन ग्राम पंचायत मंगलनार म जमा करेन। डबरी पास होए के बाद हमन ह खुदे डबरी खोदाई करेन जेखर से हमला मजदूरी घलोक मिलीस।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ले बने डबरी के पानी ले हम हाल म अपन जमीन म भिंडी, टमाटर, मिर्ची, बरबट्टी, लौकी, बैंगन अऊ तोरई जइसे साग-भाजी उपजावत हन, संगेच प्याज के खेती घलोक करत हन। डबरी म मछरी बीज डालके पउर साल हमन मछरी पालन ले 35000 रूपिया के आमदनी करेन। अभी हाल म डबरी म फेर मछरी बीज डाले हनं, जेखर से हमला बनेच आमदनी के भरोसा हे। डबरी बने के बाद हमन डबरी म मोटर पंप घलोक लगा लेहे हन। पंप के सहारे बाड़ी म लगे साग-भाजी मनम सिंचाई करत हनं, जब ले डबरी मिले हे, खेत म सपरिवार काम करके साग-भाजी उगात आत हन। बाड़ी ले उपजे साग-भाजी ल साईकिल म गांव मन म बेचे म 400 ले 500 रूपिया तक के आमदनी रोजेच हो जाथे। सबो खरचा काटके महीनो भर म करीबन 8000 रूपिया के बचत हो जाथे। उमन आगू बताइन कि सब्जिं बेचे ले होए अमदानी ले ओ मन अपन लइका मन के बेहतर परवरिश करत हें। लइका मन ल भोजन मं हरियर साग-भाजी घलोक खाए ल मिलत हे, जेखर से ओ मन ल सही पोषण तको मिलत हे।