बदलत दन्तेवाड़ाः ’मशरूम ले मुनाफा’ : ओयस्टर मशरूम ले होवत हे हितग्राही मन ल अतिरिक्त आमदनी

दंतेवाड़ा, अइसे तो मशरूम के स्वास्थ्यवर्धक गुण ले अब्बो झन परिचित हे। बीते कुछ बछर म मशरूम उत्पादन अउ ओकर खेती रोजगार के नवा विकल्प के रूप म उभरे हे। बेरोजगार युवा, घरेलू महिला के साथ ही कृषक मन घलो अपन परम्परागत खेती के इतर अनुषंगिक फसल के रूप म एकर खेती आसानी ले कर सकत हे। अबड़ कम लागत, कम प्रयास के संग संग बढ़िया मुनाफा मशरूम खेती ल एक आदर्श विकल्प बनात हे। ए ह एक अइसे फसल हे जे बारों महीना उगाय जा सकत हे। एकर अलावा ओयस्टर मशरूम के एक साल म 5 फसल लीए जा सकत हे।
ऐला स्थानीय बोली म ’छाती’ ’फुटु’ के नाम ले जाने जाथे। बस्तर म मशरूम के अलग-अलग प्रजाति जुलाई ले लेमे सितम्बर माह तक मिलथे। एकर उपयोग सब्जी अउ स्थानीय बाजार म विक्रय करे बे होथे । उत्पादन के दृष्टि ले दक्षिण बस्तर के जलवायु एकर खेती ब अनुकूल माने गए हे। ए क्रम म जिला म स्थित कृषि विज्ञान केंद्र कती ले स्थानीय कृषक मन ल स्व-सहायता समूह के महिला-युवा के मध्य ओयस्टर मशरूम के खेती लोकप्रिय बनाए ब सघन प्रयास करे जाथ हे। उल्लेखनीय हे कि केन्द्र कती ले शुरुआत म ओयस्टर मशरूम ले संबंधित मात्र 3 यूनिट प्रारंभ करे गये रहिस हे जो वर्तमान म 60 यूनिट तक पहुंच गए हे अउ केन्द्र अंतर्गत आर्य परियोजना के तहत 30 गांव म मशरूम उत्पादन करे जाथ हे जेमा 900 हितग्राही जुड़े हुए हे। उल्लेखनीय हे कि ताजा मशरूम के साग बनाए के अलावा एला संरक्षित करके आचार, पापड़, बड़ी, बिस्कुट, सॉस, सूप तको बनाय जा सकत हे अइसना उत्पादन केन्द्र मन म तको बखूबी करे जाथ हे।

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