सुकमा : धान के पत्ती, तना अउ बाली मन म लगईया झुलसा (ब्लास्ट) रोग के प्रबंधन

सुकमा, 29 अगस्त 2024। कृषि विज्ञान केन्द्र ह धान म लगइया झुलसा रोग के बारे म जिला के किसान मन ल जानकारी देहे हे के ये एक कवक जनित रोग ये जेन धान म पौधा ले लेके बाली बने तक के अवस्था तक ए रोग के आक्रमण होथे। एखर लक्षण पत्‍ती अउ तना के गाठ अऊ धान के बाली म प्रमुख रूप ले दिखथे। रोग के सुरूवाती अवस्था म नीचे के पत्‍ती म हल्का गुलापी रंग के छोटे- छोटे धब्बा बनथे, जेन धीरे-धीरे बढ़के आंखी जइसे बीच म चौड़ा अउ किनारे म संकरा हो जाथे जेन बढ़के नाव (डोंगा) जइसे हो जाथे जेन ल पत्ति ब्लास्ट Leaf Blast कहिथे आगू चलके ये रोग के आक्रमण तना के गाठ म होथे जेखर से गाठ म काला घाव दिखथे रोग ग्रसित गठान टूट जाथे जेन ल नोड ब्लास्ट Node Blast कहिथें धान म जब बाली निकलथे ओ समय प्रकोप होए म धान के बाली म सड़़न पैदा हो जाथे अऊ हवा चले ले बाली मन टूट के गिर जाथे। जेन ल पेनिकल झुलसा रोग panicle blight disease कहिथें।

नियंत्रण बर उपाय
एखर नियंत्रण बर प्रभावी उपाय अपनाना चाही। जेमां खेत ल खरपतवार मुक्‍त रखे अउ जुन्ना फसल अवशेष ल नष्ट करे जाथे। प्रमाणित बीज के चयन करना चाही। समय म बुवाई करंय अउ रोग प्रतिरोधी किसिम के चयन करंय। जुलाई के पहिली हफ्ता मे रोपाई पूरा कर लव, देरी से रोपाई करे म झुलसा रोग लगे के संभावना बाढ़ जाथे। बीज उपचार करे बर जैविक कवकनाशी ट्राइकोडर्मा विरीडी Biological Fungicide Trichoderma Viridi 4 ग्राम प्रति कि.ग्रा.बीज या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस Pseudomonas fluorescens 10 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज दर ले उपचारित करव या रासायनिक फफूँद नाशक कार्बेन्डाजिम chemical fungicide carbendazim 2 ग्राम प्रति कि.ग्रा.बीज के दर ले उपचारित करव। संतुलित मात्रा म पोषक तत्व के उपयोग करव। झुलसा रोग के प्रकोप के स्थिति मे यूरिया के परयोग झन करव। कल्ला अउ बाली निकलत बेरा खेत मे नमी रखव। रोग के प्रारम्भिक लक्षण दिखतेच ट्राईफ्लॉक्सी स्ट्रोबिन Trifloxy Strobin 25 प्रतिशत टेबूकोनाजोल Tebuconazole 50 प्रतिशत डब्ल्यू जी 80.100 ग्राम प्रति एकड़ या ट्राईसाइक्लाजोल Tricyclazole 75 प्रतिशत डबल्यूपी 100.120 ग्राम प्रति एकड़ या आइसोप्रोथियोलेन Isoprothiolane 40 प्रतिशत ईसी. 250 – 300 मिलीस प्रति एकड़ या एजोक्सिस्ट्रबिन Azoxystrobin 16.7 अउ ट्रायसाइक्लोजोल Tricyclazole 33.3 ए सी के 200 मिली/एकड़ के दर ले आवश्यकतानुसार प्रभावित फसलों म छिड़काव करव।

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