मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल करहीं पल्‍ला दउंड (पीस हॉफ मैराथन) के शुभारंभ

नारायणपुर म 8 फरवरी के होही अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन के आयोजन

रायपुर, 03 फरवरी 2020। अबूझमाड़ ल दुनिया के नक्शा म नवा पहिचान मिलइया हे। जिला प्रशासन नारायणपुर कोति ले अन्तर्राष्ट्रीय अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन दौड 2020 के आयोजन करे जात हे। ये दौड़ के शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 8 फरवरी के करहीं। हॉफ मैराथन के आयोजन आदिम संस्कृति के संरक्षण स्थली अबूझमाड़ के विकास, शांति अऊ ये क्षेत्र के विश्व स्तर म एक सकारात्मक पहिचान बनाए बर करे जात हे।

अबूझमाड पीस हॉफ मैराथन दौड़ 2020 के शुभारंभ कार्यक्रम म अति विशिष्ट अतिथि उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नारायणपुर प्रभारी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, बस्तर सांसद श्री दीपक बैज होहीं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कोण्डागांव विधायक श्री मोहन मरकाम, नारायणपुर विधायक श्री चंदन कश्यप, नारायणपुर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुनीता मांझी होहीं।

पीस हॉफ मैराथन के शुभांरभ जिला मुख्यालय के बालक उच्चतर माध्यमिक स्कूल खेल मैदान ले बिहनिया 6.30 बजे ले करे जाही। करीबन 21 किलोमीटर के ये हॉफ मैराथन के सामापन विकासखण्ड ओरछा के बासिंग गांव म म भिनसरहा 10.30 करे जाही। ये बेरा म पहुना मन कोति ले विजेता मन ल इनाम बांटे जाही। ये कार्यक्रम भिलाई इस्पात संयंत्र के सौजन्य ले मैराथन आयोजन समिति नारायणपुर के माध्यम ले करे जात हे।

जिला नारायणपुर म पउर साल 2019 ले अबूझमाड़ पीस मैराथन के आयोजन चालू करे गए हे जऊन बहुतेच सफल रहिस, जेमां भारत समेत आन देश के करीबन 5000 दउंड़इया ह भाग लेहे रहिन अऊ केनिया के धावक श्री भोजेश अउ महिला वर्ग म उत्तर प्रदेश के सुश्री डिपल सिंह ह पहिली नम्‍बर म रहिन।

ये साल घलोक अबूझमाड़ पीस मैराथन 2020 के आयोजन करे जात हे। जेमां अब तक देश-विदेश के करीबन 9 हजार दउंड़इया मन रजिस्ट्रेशन करा डरे हें, कार्यक्रम के तारीक तक करीबन 12 हजार दउंड़इया मन के रजिस्ट्रेशन होए के संभावना हे। कार्यक्रम ल सफल बनाए बर फलेक्स, पौस्टर, सोशल मीडिया आदि के माध्यम ले प्रचार-प्रसार करे जात हे ताकि देश विदेश के धावक हिस्सा लेवंय अऊ क्षेत्र के आदिवासी मन के संस्कृति ल नजदीक ले देखके समझ सकयं। ये दौड़ आदिवासी मन ल मुख्य धारा ले जोड़े के एक अभिनव प्रयास ये, जेखर से अबूझमाड़ के आदिवासी जनजाति वर्ग के देश-विदेश के मनखे मन ले सम्पर्क बाढही।

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