गरियाबंद जिला: समूह ले जुड़के कविता के आर्थिक स्थिति म आइस बदलाव

गरियाबंद, फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम बेलटुकरी के कविता देवांगन समूह ले जुड़कर अपन एक नवा पहिचान बना ली हे। सामान्य मजदूरी करे वाले कविता आज एक सफल उद्यमी घलोक बन गीस हे। पांच सदस्यी परिवार म भरणपोषण अऊ भविष्य के सपने घलोक पूरा करना चुनौतीपूर्ण काम रहिन। जय परमेश्वरी स्वसहायता समूह म जुड़ने ले पहिली कविता देवांगन गृहणी अऊ मजदूरी के काम करती रहिस। पति कोति ले सिलाई के काम करिस जात रहिन। जऊन ऊंखर परिवार के आर्थिक स्थिति ल सुधारने बर बहुत नइ रहिन। लेकिन समूह ले जुड़कर अपन परिवार के आर्थिक स्थिति ल सुधारने बर कविता ह समूह के माध्यम ले करजा लेके कुछ आजीविका गतिविधि चालू करे के सोचीस।

अपन ये सोच ल वो ह समूह म जुड़के पूरा करिस। कविता ह समूह पुस्तक संचालन अउ सीआरपी सक्रिय महिला के संबंध म प्रशिक्षण लीस। जेखर से ओ ह हिसाब-किताब के रखरखाव अउ लेन-देन के संबध म जानकारी हासिल करिस। समूह ले जुड़े के बाद वो ह अपन आय अऊ गतिविधि मन ल बढ़ाए बर करजा ले के काम चालू करिस। वो ह युनिफार्म सिलई बर दू पईत म 75 हजार रूपिया अउ एक पईत अगरबत्ती मशीन अऊ कच्चा माल बर डेढ़ लाख रूपिया के लोन लीस अउ अपन व्यवसाय चालू करिस।

ए गतिविधि मन के माध्यम ले ओ ह समूह के अऊ नजदीक जाके सामूहिक गतिविधि अऊ क्रियाकलाप मन म सक्रिय भूमिका निभाए लगिस। वो ह बताथे के जब ले ओ ह एनआरएलएम अंतर्गत बिहान ले जुड़े हे, तब ले एनआरएलएम  अंतर्गत सरकार के नवा नवा योजना मन के बारे म जानकारी ले लाभाविन्‍वत होवत हे। जेखर से ग्राम संगठन के माध्यम ले पहली पईत म 50 हजार रूपिया करजा लेके यूनिफार्म सिलाई के काम चालू करिस। ये काम बने सहिन चले लगिस तब बैंक लिकेंज के माध्यम ले करजा लेके दूसर बहिनी मन ल घलोक सिलाई बर कपड़ा उपलब्‍ध कराए बर अड़बड़ अकन कुरथा बनाए के टेंडर लीस। एखर बाद कोविड-19 के स्थिति म वोकर आजीविका गतिविधि बनेच प्रभावित हो गे अऊ कविता ल सिलाई बर यूनिफार्म के टेण्डर मिलना कम हो गे। जेखर से वोखर आर्थिक स्थिति प्रभावित होइस। तभे कलस्टर के माध्यम ले मेडिसनल गाउन सिले के काम दीदी ल मिलिस। ये काम खतम होए के बाद समूह के जम्‍मो सदस्य मन अगरबत्ती बना के एक नवा आजीविका के शुरुआत करिन जेकर बर समूह के दीदी मन करजा लेके अगरबत्ती निर्माण मशीन बिसाईन। जेखर से अभी हाल म इंकर आर्थिक स्थित मजबूत हो गए हे। कविता ल सिलाई काम अऊ अगरबत्ती निर्माण काम ले हर महिना 9 हजार रूपिया के आमदनी होवत हे। कविता भविष्य म रूई बत्ती अऊ धूपबत्ती के निर्माण काम घलोक सुरू करना चाहत हे अऊ अपन आर्थिक स्थिति ल अऊ बनेच मजबूत करना चाहत हे।

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