रायपुर, 08 फरवरी 2024। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय ले संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) म कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव अउ टीम ह ट्रांसकैथेटर माइट्रल वाल्व इम्प्लांट (टीएमवीआर) वॉल्व ए वॉल्व प्रक्रिया के साथ एक 70 वर्षीय महिला मरीज के जिंदगी बचाईन। ए प्रक्रिया के संग एसीआई पूरा छत्तीसगढ़ राज्य म मरीज के छाती म बिना कोनो चीरा के माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट प्रक्रिया ल पूरा करइया पहला अऊ एकमात्र संस्थान बन गए हे। डॉ. स्मित श्रीवास्तव के अनुसार माइट्रल वाल्व ल रोगी के जांघ के नस के माध्यम ले एंजियोप्लास्टी म हृदय के नस म स्टेंट लगाय के समान प्रक्रिया से प्रत्यारोपित करे गीस। मरीज़ ल 26 एम. एम. के माइट्रल वॉल्व लगाए गीस।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय अऊ स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ह ए उपलब्धि बर एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट के पूरा टीम ल बधाई अऊ शुभकामना देहे हे। छत्तीसगढ़ के सबले बड़े शासकीय अस्पताल, डॉ. भीम राव अंबेडकर अस्पताल ले संबद्ध एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट जटिल हृदय रोग के सफल इलाज म अपन नवा पहिचान स्थापित करत हे।
मरीज गंभीर माइट्रल रेगर्गिटेशन (एमआर) ले पीड़ित रहिस, जेन एक सामान्य हृदय रोग हे जेखर बर आम तौर म ओपन हार्ट सर्जरी के जरूरत होथे। मरीज ल 6 फरवरी 2024 ल कॉर्डियोलॉजी विभाग, एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट म नॉन इनवेसिव प्रक्रिया ले गुजरना परीस अऊ सिरिफ दू दिन के बाद सुरक्षित रूप ले डिस्चार्ज कर दे जाही।
एसीआई म कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर अऊ प्रमुख डॉ. स्मित श्रीवास्तव ह कहिन कि ‘‘बुजुर्ग मरीज ल 10 साल पहिली दिल के दौरा अऊ वाल्व रोग बर कई ऑपरेशन ले गुजरना परे रहिस, जेमां कोरोनरी बाईपास सर्जरी अऊ माइट्रल वाल्व सर्जरी सामिल रहिस, जेन पाछू दशक म खराब हो गए रहिस अऊ अपन पीछू गंभीर रूप ले लीक होवइया माइट्रल वाल्व अऊ बहुत कमजोर दिल ल छोड़ गए रहिस। रोगी के बढ़त उम्र अऊ कमजोर दिल के अलावा, वो जानलेवा गंभीर अस्थमा ले घलोक पीड़ित रहिस, जेखर कारण सांस लेहे म कठिनाई अऊ इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परप्यूरा (आईटीपी) नामक एक दुर्लभ ऑटोइम्युन रक्त विकार ले पीड़ित रहिस। ए एक अइसन प्रतिरक्षा प्रणाली विकार हे जेन रक्त ल ठीक से जमे ले रोकके रक्तस्राव म वृद्धि के कारण बनथे। अइसन जटिल रोगी म दुबारा ओपन हार्ट सर्जरी असंभव रहिस, ते पाए के डॉ. स्मित श्रीवास्तव ह कमजोर छाती के दीवार म कोनो चीरा ले बचके जोखिम ल कम करे के कोसिस करेन।“