सुक्का, हड़मा, दोका, पाण्डू, मंगल, गुण्डरू, पीड़े अऊ चुले के ‘भूत’ मन 4 जुलाई 2014 के दिन हिरोली के ग्राम सभा म भाग लीन। जेकर आधार म छत्तीसगढ़ के बैलाडीला के नंदराज पहाड़ म स्थित डिपॉजिट-13 के ज़मीन एनसीएल ल दे दिए गीस। ये बात उपर भरोसा तो नइ होवय फेर ये बात सच हे के इमन 4 जुलाई 2014 के दिन जिन्दा नइ रहिन। इही नहीं घुरवा, मोटू, लखमा, सोमडू, आन्दा, पोदिया, भीमा, गुड्डी, लच्छू, भूमा, लोकेश, सुरेश मन अंगूठा छाप रहिन फेर जब भूत बन के आइन त अपन शपथपूर्वक बयान देके एफीडेविट म कोड़ो-बोड़ो दस्तखत करिन अउ कार्यवाही रजिस्टर म दस्कत करे के बेरा फेर अंगूठा छाप बनके अंगठा चपकिन।
ये बारे एनडीटीवी के बताती भूत मन के ये करस्तानी के आधार म राज्य सरकार ह बिरसपत के एनएमडीसी सीएमडीसी के संघरा कंपनी एनसीएल ल नोटिस भेजके 13 मार्च के सुनवाई बर बलाए हे। जानबा हे के सन 2011 म बैलाडीला के नंदिराज पहाड़ डिपोज़िट-13 जेमां 350 मिलियन टन लौह अयस्क के भंडार होए के अनुमान हे ओला खने के प्रस्ताव फ़ॉरेस्ट एडवाइज़री कमेटी ल भेजिस। कमेटी ह जैव विविधता अऊ पर्यावरणीय अहमियत के आधार म ये खदान ल अनुमति देहे ले साफ़ इनकार कर दीस। साल 2013 म घलोक छत्तीसगढ़ सरकार ह उदीम करिस फेर बात आगू नइ बढ़ पाइस।
एती नवंबर 2014 म केन्द्र सरकार ह एनएमडीसी ल पहिली फ़ेज़ म 315.813 हेक्टेयर क्षेत्र म खनन के अनुमति दे दीस, 9 जनवरी 2017 के दूसर फ़ेज़ के अनुमति घलोक एनएमडीसी ल दे देहे गीस। 2018 म एनएमडीसी ह एमडीओ यानी माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के बतौर ये खदान ल अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड मने एईएल ल सौंप दीस।