स्वाद के संग सेहत के खजाना
दुर्ग, अपन बाड़ी के ताजा साग-भाजी के मजा अलगेच हे। अंगाकर रोटी के संग भिनसरहा सिलबट्टा म पिसे पताल के चटनी मिल जाय त वोकर मजा अलगेच हे। अऊ कहूं पताल, मिरचा अऊ धनिया अपनेच बाड़ी के हे त सोना म सुहागा। सुग्घर महमीइ अऊ सुवाद के संगे-संग सेहत के खजाना। न रासायनिक खातू अऊ न कीटनाशक मन के जहर। अपन छोटकन बाड़ी म भांटा, पताल, सेमी, गोंदली, फूल गोभी, गांठ गोभी, मुरई, मेथी, पालक, लाल भाजी के क्यारी मन जइसे कुदरत के सब्बो रंग एके संग इहें उतर आए हे। पढ़के अतका सुग्घर लागत हे त सोचव, आंखी के आगू होही त कइसे होही। हो जी, अब सरकार के उदीम ले गांव मन म नंदावत बाड़ी परंपरा पुनर्जीवित होए लगे हे।
घर के काम-बुता निपटाए के बाद साग ल बेच के होवत हे अकतहा आमदनी
पाटन ब्लॉक के तरीघाट के किरण साहू भिनसरहेच अपन बाड़ी म पहुंच जाथे, क्यारी बनाथे, साग के पौधा मन ल पानी देथे अऊ घर के खाए बर साग भाजी घलोक तोड़ लेथे। किरण के पति शारदा प्रसाद अऊ लइका मन घलोक ये काम म वोखर मदद करथे। किरण के बताती, सरकार कोति ले बाड़ी योजना के तहत ओ ल उद्यानिकी विभाग कोति ले हरियर साग-भाजी के बीज देहे रहिस। संगेच साग-भाजी लगाए बर जरूरी मार्गदर्शन घलोक मिलिस। किरण ह अपन बाड़ी म पूरा गोबर खाद के ही इस्तमाल करथे जऊन वोखर घर के पीछू बने घुरुआ म तियार होए हे। वो ह रासायनिक खाद के बिल्कुल इस्तमाल नइ करय। किरण बताथे के वोखर बाड़ी म बने मात्रा म साग-भाजी उबजथे। अभी तक बाजार ले साग-भाजी बिसाए के जरूरत नइ परे हे। भलुक अपन बाड़ी म उगाए साग-भाजी परोसी मन ल बांटे ल परथे। अभी किरण अऊ शारदा प्रसाद के बाड़ी म फूल गोभी, मूली, लाल भाजी, पालक, मेथी अऊ गोंदली के क्यारी लगे हे। घर के पुरता बचाए के बाद बाकी साग-भाजी बाजार म बिक जाथे। शारदा प्रसाद बताथे 2 महीना म वो ह 15 ले 20 हजार के साग-भाजी बेच डरे हे।
अइसनहे गांव के प्रकाश सिन्हा बताथे कि जब वोला पता चलिस के सरकार कोति ले साग-भाजी के बीजा फोकट म दीए जात हे त उहू अपन घर के पीछू खाली जमीन म ये साल साग-भाजी लगाए हे। केसला गांव के छितकु राम सिन्हा अऊ कुँवर बाई ह बाड़ी म बरबट्टी, बैंगन, मेथी, पालक अऊ पताल लगाए हे। केसलाच के डोमेश्वर बताथे के वो ह करीबन आधा एकड़ म साग-भाजी लगाए हे। उद्यानिकी विभाग कोति ले बहुत बढ़िया क्वालिटी के बीज देहे गए रहिस, उत्पादन घलोक बढ़िया होइस। जेला बाजार म बेचके बनेच आमदनी घलोक होए लगे हे।
पहली पइत बाड़ी म सब्जी लगाके अड़बड़ खुश हे खम्हरिया के गांव वाले मन
दुर्ग ब्लॉक के ग्राम खम्हरिया के सनत कुमार, राजेश पटेल अऊ श्याम सुंदर ह पहली पइत बाड़ी म सब्जी लगाए हे। शासन कोति ले जब ओ मन ल बाड़ी म सब्जी लगाय बर प्रोत्साहित करे गीस त वो ह सोचिस काबर न ये पइत वो घलोक बाड़ी म सब्जी लगावय। सनत कुमार बताथे कि वो बाजार ले साग-भाजी लेत रहिस फेर उद्यानिकी विभाग के कर्मचारी मन ह योजना के बारे म बताइन अऊ जैविक खाद के उपयोग करके अपन बाड़ी म साग-भाजी लगाए बर मार्गदर्शन दीन। वोला बाजार के साग-भाजी के स्वाद अऊ घर-बाड़ी के सब्जी के स्वाद म बहुत फर्क महसूस होथे। इही गांव के श्याम सुंदर अऊ राजेश पटेल ह घलोक ये पइत बाड़ी म साग-भाजी लगाए हें। श्याम सुंदर बताथे के वोखर तिर जमीन रहिस जऊन म बाड़ी बनाए म उद्यानिकी विभाग कोति ले पूरा मदद करे गीस अऊ फोटक म साग-भाजी के बीज अऊ पौधा घलोक दिए गीस। विभाग के मनखे बीच बीच म आके जरूरी सलाह घलोक देवत हे ।
फेर महकत हे गांव के बाड़ी के सुगंध, छोटकुन किचन गार्डन हरेक घर म होवत हे तियार, 5891 गांव वाले मन ल देहे गए हे बाड़ी बर बीज
छत्तीसगढ़ म घर के पीछू बाड़ी के परंपरा नंदा गए रहिस। जैविक साग-भाजी के आसा म शहर के मनखे किचन गार्डन तियार करे लगे रहिन। आप मन जानतेच हव मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नरवा गरवा घुरूवा बाड़ी योजना के महत्वपूर्ण कंपोनेट बाड़ी हे। अपन घर के बाड़ी ले तियार सब्जी ले लइका मन म कुपोषण के समस्या तो दूर होवत हे, सब्जी बर शहर म बाढ़त गांव के निर्भरता घलोक कम होए लगे हे। ए बाड़ी मन ले होवत उत्पादन अब नजदीकी कस्बा मन के बाजार म जाए लगे हे। ग्रामीण क्षेत्र मन म घर के पीछू परे उजाड़ जगा के उपयोग फेर होए लगे हे। अपन छोटे-छोटे संसाधन मन के उचित उपयोग करके कइसे आत्मनिर्भरता के रद्दा पकड़ सकत हे ये सोच ल हम धीरे-धीरे भूले लगे रहेन। अब फेर परंपरा अऊ आधुनिक तकनीक अपनाके ग्रामीण बेहतर आय के रद्दा पकड़त हें।
केवल खेत मन म नहीं, इंच-इंच जमीन के होही उपयोग बाड़ी योजना म गौठान मन म सामुदायिक सब्जी उत्पादन म जोर तो दे ही जात हे। व्यक्तिगत रूप ले गांव वाले मन कोति ले घर के पीछू बाड़ी म सब्जी उगाए म जोर देहे जात हे। एखर बर हार्टिकल्चर विभाग कोति ले तकनीकी सहायता घलोक प्रदान करे जात हे। उद्यानिकी अधिकारी श्री सुरेश ठाकुर ह बताइस कि हम सब्जी किट तो देवतेच हन। किसान मन ल तकनीकी जानकारी घलोक देवत हन। ताकि छोटे से जमीन म घलोक विपुल उत्पादन के रद्दा तियार हो सकय। उद्यानिकी विभाग के उप संचालक श्री सुरेश ठाकुर ह बताइस कि अब तक जिला म 5 हजार 891 बाड़ी मन बर बीज अऊ पौधा बांटे गए हे। ए बाड़ी मन म तकनीकी मार्गदर्शन घलोक दिए जात हे।