छत्तीसगढ़ के शिल्पकला अऊ आभूषण उपर आधारित झांकी के राष्ट्रीय मीडिया के आगू प्रदर्शन

रायपुर, गणतंत्र दिवस म राजपथ म निकलइया राज्य मन के झांकी मन के आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय रंगशाला म राष्ट्रीय मीडिया के आगू रिहर्सल करे गीस। प्रेस प्रिव्यू के बेरा म छत्तीसगढ़ के परंपरागत शिल्पकला अऊ आभूषण उपर आधारित झांकी ल राष्ट्रीय मीडिया के आगू प्रस्तुत करे गीस। प्रेस प्रिव्यू के बेरा म छत्तीसगढ़ के झांकी म छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार मन ह ककसार नृत्य प्रस्तुत करिन। छत्तीसगढ़ के झांकी म छत्तीसगढ़ के लोक जीवन, परम्परा अऊ जनजातीय समाज के शिल्पकला ल रेखांकित करे गए हे। झांकी म शिल्पकला अऊ आभूषण मन के संगेच प्रतिमा अऊ दैनिक जीवन म उपयोग होवइया जिनिस मन ल देखे जा सकत हे।

झांकी के आगू कोति म नंदी के प्रतिमा हे, जऊन ल शिल्पकार ह बेलमेटल ले तियार करे हे। ये छत्तीसगढ़ के ढोकरा-शिल्प के बेहतरीन नमूना हे। बहुत सुंदरता के संग अलंकृत ये प्रतिमा लोकजीवन के आध्यात्मिक पक्ष ल तो आगू लाथेच संगेच पशु-पक्षि मन के प्रति ऊंखर अनुराग ल घलोक प्रदर्शित करथे। इही शिल्प के तीर म नृत्य-संगीत के कला परंपरा मन ल दर्शाए गए हे। झांकी के बीच म पारंपरिक आभूषण ले सुसज्जित आदिवासी युवती हे, जऊन अपन भावी जीवन के कल्पना म खोए हे। झांकी के आखिर म धान के कोठी हे, ढोकरा शिल्पी ह ये म अपन शुभकामना मन के अलंकरण करे हे। तीरे म लौह शिल्प म डोंगहार मन के माध्यम ले सुख के सरलग धार अऊ जीवन के निरंतरता ल दर्शाए गए हे।

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