बस्तर के सुकमा जिला म बदले-बदले सहिन लागत हे अब गांव

रायपुर, छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील क्षेत्र सुकमा जिला के गांव मन म दईहान ह गौठन के रूप म लउहे-लउहे आकार लेवत हे। ये गौठान राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बाड़ी के तहत बनाए जात हे। ये योजना के तहत गांव मन म मवेशी मन बर विशेष करके गोवंशी मवेशी मन अऊ आन पालतु मवेशी मन बर बनाए जात हे। गांव के अर्थव्यवस्था म हमेशा ले ही गोवंशी मवेशी मन के बड़का योगदान रहे हे। हम जानत हावन के गांव ग्रामीण, किसान अऊ पशु हमेशा ले ही एक दूसर के उपर आश्रित रहे हे, समय के संग इंकर बीच सरोकार थोकिन कम होये हे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल अउ सुदृढ़ बनाए बर राज्य सरकार के नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बाड़ी योजना अब संजीवनी के काम करही। सुकमा जिला के कई ठन विकास खण्ड मन के 23 ग्राम पंचायत मन के अन्तर्गत कई ठन गांव मन म गौठान बनाय गए हे, अब गांवों-गांव गौठान आकर लेत दिखत हे।

हम आप ल बता देवन के जिला के कलेक्टर श्री चंदन कुमार के कुशल निर्देशन अऊ ऊंखर कोति ले काम मन के सरलग मानीटरिंग अऊ जिला पंचायत के मुख्य पालन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन म विभाग मन कोति ले ये काम करे जात हे। जिला के गांव नेतनार, केरलापाल, निलावरम, कोर्रा, गोंगला, बुड़दी, कांजीपानी, पाकेला, चिपुरपाल, राजागुण्डा, सौतनार, बिरसठपाल, गुम्मा, किकिरपाल, रोकेल, मिसमा, सामसट्टी, दुब्बाटोटा, नागलगुण्डा, मराईगुड़ा (राजस्व), कांकेरलंका अऊ पोलमपल्ली ग्राम पंचायत मन के अन्तर्गत गौठान बनाय गए हे। ए ग्राम पंचायत मन के क्षेत्र मन म बनाय गए गौठानों म गांव के पशु पालक मन कोति ले अपन मवेशी मन ल स्वःस्फूर्त लाये जात हे। इहां मवेशी मन बर चारा-पानी के समुचित व्यवस्था करे गए हे। उन्‍हें मवेशी मन के ठहराव बर मचान अऊ शेड बनाय गए हे। ए गौठान मन म अब मवेशी मन ल खात-पीयत, घूमत, गौठान मन म बने शेड मन म थिरावत देखे जा सकत हे। गौठान मन म मवेशी मन के देखभाल, मवेशी मन के इलाज के घलोक इंतजाम करे गए हे, पीये के पानी बर पानी टंकी हे खाए बर पैरा, घास अऊ चारागाह बनाए जात हे मने कांदी उपजाए के जुगाड़ करे जात हवय। गौठान मन म पेयजल बर सोलर पम्प स्थापित करे जात हे।

कृषि विभाग कोति ले वर्मी कम्पोस्ट तैयार करे बर वर्मीबेड अउ नाडेप टांका बनाए जात हे। अइसनहे जिला के चुने गए नरवा मन म जल संरचना मन बर स्टापडेम के संग आन संरचना ल विकसित करे के कोम करे जात हे। उद्यानिकी विभाग कोति ले जिला के खासकर नदिया मन के करार वाले वाले चुने गए गांव मन म बाड़ी विकास के काम करे जात हे। ए गांव मन म हितग्राही मन के चयन बाड़ी विकास बर करे गए हे। राज्य सरकार के ए मत्वाकांक्षी योजना के मूर्त रूप लेहे ले गांव के अर्थव्यवस्था ल बढ़ावा मिलही अऊ गांव वाले मन ल रोजगार के अवसर प्राप्त होही, उन्‍हें जैविक अउ कम्पोस्ट खाद के उत्पादन से कृषि उत्पादकता म अड़बड़ बढ़ोतरी होही। एखर से जिला म जैविक खेती ल घलोक बनेच बढ़ावा मिलही।
(चतुर्वेदी चौधरी के आलेख के छत्‍तीसगढ़ी अनुवाद)

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