बलरामपुर, 21 अक्टूबर 2020। कोविड-19 के ये महामारी के समय लाकडाउन म घर म रहिके खेती के नवा तकनीक ले महिला कृषक मन आय प्राप्त करत हें। अभी हाल म चलत ये महामारी के समय म महिला कृषक मन ल खेती के माध्यम ले आय उपलब्ध कराए बर जिला के कलेक्टर श्री श्याम धावड़े अऊ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीश एस. के हुकुम के मुताबिक कृषि विभाग के माध्यम ले अइसन आदिवासी कृषक मन के चयन करे गीस, जऊन अपन घर के तीर-तखार म बारी म खेती करत रहिन अऊ मछली पालन अऊ आन सब्जी के खेती नइ कर पात रहिन। अइसन कृषक जिंकर घर के महिला मन घलोक किसानी के काम करत रहिन, अइसन किसान मन ल कृषि विभाग के आत्मा योजना के माध्यम ले खरीफ साल 2020-21 म समन्वित कृषि प्रणाली ल एक नवा रूप म विकसित करके महिला कृषक मन ल जागरूक करे गीस।
कृषि विभाग के आत्मा योजनान्तर्गत जिला म कुल 75 कृषक मन के 11 हेक्टेयर बाड़ी म समन्वित कृषि प्रणाली माडल तियार करे गीस। ये माडल घर के बाड़ी म होए के सेती एखर जम्मा देखरेख घर के महिला मन करत हें। ये तकनीक ले विकासखण्ड राजपुर के ग्राम चरगढ़ के महिला कृषक श्रीमती पार्वती लकड़ा अऊ विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम सागरपुर के श्रीमती शर्मिला ह अपन घर के कामकाज के संगें-संग धान, सब्जी, मत्स्य उत्पादन करके पौष्टिक आहार प्राप्त करत हें अऊ संगे-संग एला बेचके अकतहा आय घलोक प्राप्त करत हें। श्रीमती शर्मिला के बताती कृषि विभाग ले मिले जानकारी अऊ सहयोग ले वो ह अपन खेत मन म समन्वित कृषि प्रणाली के तहत ये खरीफ साल म खेती करे हे। धान के संगें-संग सब्जी अऊ मछली उत्पादन करना एक अलगेच अनुभव रहिस। खेती के ये प्रणाली के तहत पूरा परिवार ल ताजा अऊ पौष्टिक आहार घलोक मिलत हे अऊ उत्पादन जादा होए ले ए मन ल बेच के 25 ले 30 हजार के आमदनी घलोक हो जात हे।
कृषि विभाग के उप संचालक के बताती खेती के ये प्रणाली ले फसल उत्पादन लेहे म बहुत अकन लाभ हे। धान के खेत म मछली पालन करे ले खेत मन म मछली मन के पानी म हलचल के सेती धान के उत्पादकता म बढ़ोतरी होथे। खेत मन म मछली पालन बर बनाय गए नाली मन ले वर्षा जल के संचय होथे जेकर से भूमिगत जलस्तर बाढ़थे। नाली बनाए ले मेढ़ के माटी भुरभुरहा होथे जे म सब्जी लगाय ले सब्जी के उत्पादकता बाढ़थे। समन्वित कृषि प्रणाली के पूरा खेती जैविक पद्धति ले करे जाथे। धान अऊ सब्जी मन म कोनो प्रकार के रसायन परयोग नइ करे जात हे, जेखर से कृषक अपन घर बर पौष्टिक अऊ जैविक आहार प्राप्त कर सकत हे। जिंहा-जिहां समन्वित कृषि प्रणाली माडल तियार करे गए हे उहां के कृषक ये माडल ले प्रभावित होके अवइया खरीफ साल म खुदे अइसन प्रणाली तियार करे के इच्छुक हे।