बलरामपुर, “मनखे खुदे अपन तकदीर ल लिखथे” ये कहावत ल चरितार्थ करिस वाड्रफनगर बसंतपुर के किसान मन ह। गांव के सबले जुन्ना कोयला नाला जेमा कई साल ले बसंतपुर के किसान आश्रित रहिन, जेन धीरे-धीरे सूखत गीस, स्थिति अइसे होइस के छै महिना तक तो मवेस मन ल पीए के पानी घलोक बमुश्किल मिल पात रहिस, ओ कोयला नाला ल पुर्नजीवित करे के बीड़ा उठाइस किसान मन ह, अऊ ये मां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ह हर कदम म संग निभाइस।
छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजनांतर्गत भू-गर्भीय जल स्त्रोत मन के संरक्षण अऊ संवर्धन के दिशा म नरवा संवर्धन के तहत ठोस उदीम करे जात हे, ताकि कृषि संबंधित गतिविधि मन ल बढ़ावा मिल सकय, वर्षा के जल उपर निर्भर किसान मन बर ये योजना काफी फायदेमंद साबित होवत हे, कल तक जेन किसान वर्षा ऋतु के इंतजार म केवल एक फसल ले पात रहिन, अइसन सबो किसान खरीफ के अलावा रबी फसल के घलोक लाभ लेवत हें। नरवा के माध्यम ले सिंचाई सुविधा मन के विस्तार ले किसान मन के आय म वृद्धि होवत हे। इही कड़ी म बसंतपुर के कोयला नाला ल पुर्नजीवित करे बर जिला प्रशासन ह ग्राम पंचायत के गांव वाले मन, किसान मन के संग विस्तृत कार्ययोजना तियार करिस, अऊ आवश्यकता मुताबिक मनरेगा के वित्तीय सहयोग ले गली प्लग, लुज बोल्डर चेक, गैबियन स्ट्रक्चर, भूमिगत डाईक, कूप अऊ मिट्टी बांध के निर्माण कराए गीस। कोयला नाला संवर्धन के उपचार के बाद जिहां नरवा पुर्नजीवित होइस उहें मिट्टी बांध निर्माण ले भरपूर जल संरक्षण होइस, जेखर से आसपास के 10 ले जादा आदिवासी किसान अभी हाल म 16 एकड़ ले घलोक जादा रकबा म सिंचाई करके सरसों, गेहूं जइसन आन रबी फसल के घलोक लाभ ले पात हें। मिट्टी बांध बन जाय ले अभी हाल म प्रत्यक्ष रूप ले लाभान्वित किसान कतवारी जगते अऊ हीरासाय ह बताइस कि “जब मिट्टी बांध नइ रहिन तब धान के फसल ठीक ले नइ ले पात रहेन, बांध बन जाय ले ये साल धान के फसल म सिंचाई करके बनेच पैदावार लेहे हन अऊ रबी मौसम म बांध के पानी ले सरसों, गेहूं के संग आन दलहन फसल म घलोक सिंचाई करत हन, ये बांध किसान मन बर वरदान साबित होय हे।