बासमती के खुशबू ले महमहाईस नरहर के घर-अंगना : तीन साल बाद बीजापुर के कोडोली गांव म होवत हे रबी फसल के तियारी

बीजापुर, 19 जनवरी, 2021। बीजापुर के किसान नरहर नेताम के घर-अंगना आज बासमती चावल के खुशबू ले महकत हे। इंकर ये कड़क मेहनत, इच्छाशक्ति अऊ लगन ल महात्मा गांधी नरेगा योजना के संग सरकार के आन योजना मन के समुचित तालमेल के आधार मिले हे। हव जी! ये सिरतोन बात ये। जिला बीजापुर म महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के संग जिला खनिज न्यास निधि के तालमेल ले वित्तीय साल 2019-20 म जलाशय मन के सिंचाई परियोजना पुनर्स्थापित करे के एक महती काम शुरु करे गए रहिस। एखर सकारात्मक परिणाम अब जमीनी स्तर म नजर आए लगे हे। जेमां एक कोति ये काम किसान मन बर आर्थिक उन्नति के कारक बनत हे, उहें दुसर कोति ये परियोजना जिला के सिंचाई रकबा म बढ़ोतरी म मील के पथरा साबित होवत हे।
जिला के भैरमगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोडोली म कोडोली जलाशय ले नहर लाइनिंग काम (तालाब नंबर -1 व 2 से) म कुल 1,800 मीटर लम्बाई के सी.सी. लाइनिंग करके सिंचाई व्यवस्था पुनर्स्थापित करे गए हे। सिरिफ एक साल के भीतरेच ए काम मन के सुखद परिणाम देखे ल मिलत हे। ये परियोजना क्षेत्र म नरहर जइसे किसान मन के जीवन म खुशहाली के छटा बिखेरत हे।
नरहर नेताम के 7 एकड़ जमीन ये नहर ले लगे हे। वेाकर बताती ये काम वोकर जइसे किसान मन बर वरदान साबित होवत हे। पहिली ये कच्चा नहर रहिस। जब कोनो किसान ल पानी के जरूरत होत रहिस, त वो नहर के पार ल काटके अपन खेत मन के सिंचाई कर लेत रहिन। एखर सेती जलाशय के तीरेच कुछ खेत मन ल पानी मिल पात रहिस। उहें नहर कच्ची होए के सेती, वोमें गाद भरे के संगें-संग झाड़ी घलोक उग आए रहिस। ए सब कारण ले आखिरी गांव तक नहर के पानी नइ पहुँच पात रहिन। ए सबो समस्या मन के कारण ओ ह अऊ वोकर जइसे आन किसान भाई बहुत परेशान रहत रहिन।
नेताम आगू बताथे के रबी के फसल तो दूर खरीफ़ फसल म घलोक नहर ले सिंचाई ल लेके किसान मन के बीच झगरा के स्थिति घलोक बन जात रहिस ; फेर ये समस्या अब बीते दिन के बात हो गए हे। नहर लाइनिंग के बाद होवत सिंचाई सुविधा के मद्देनजर उमन खरीफ़ फसल के रूप म 4 एकड़ म बासमती अऊ 3 एकड़ म महेश्वरी किसिम के धान के बुआई करे रहिस, जऊन अब पकके घर आ गे हे। ये बार पाछू बछर के तुलना म धान के फसल बनेच होइस। अइसन अनुमान हे के बासमती के 50-55 क्विंटल अऊ माहेश्वरी के 20-25 क्विंटल धान के उत्पादन होय हे।
खरीफ़ फसल के बाद नरहर अब दुहरी फसल के तैयारी म लग गे हे। तीन साल बाद वो ह अपन एक एकड़ खेत म भुट्टा, आधा एकड़ म चना-सरसों अऊ आधा एकड़ म खरबूजा के बुआई करे हे। इंकर मेहनत अऊ महात्मा गांधी नरेगा योजना के संग जिला खनिज न्यास निधि के अभिसरण ले विकसित होए सिंचाई सुविधा के फलस्वरूप अवइया कुछ महीना म भैरमगढ़, कोडोली, मिरतुर अऊ नेलसनार के बाजार म इंकर उत्पाद नज़र आही। नरहर नेताम के परिवार ल महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत वर्षः 2019-20 म 80 दिन के रोजगार बर 14,080.00 रूपिया अऊ चालू वित्तीय वर्षः 2020-21 म 105 दिन के रोजगार बर 19,950.00 रूपिया के मजदूरी के भुगतान करे गए हे।

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