बस्तर के विकास के गोठ बर सही जगा हे मुरिया दरबार : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

जगदलपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह मुरिया दरबार ल विश्वसनीय दरबार बतात कहिन कि ये दरबार म जउन मांग करे जाथे वो ह पूरा होथे। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा के तहत सिरहासार म काली आयोजित मुरिया दरबार म मुख्यमंत्री ह ये बात कहिन। ये बेरा म जनप्रतिनिधि मन के गीस मांग ल पूरा करत मुख्यमंत्री ह टेम्पल कमेटी बर एक लिपिक अऊ एक भृत्य के भर्ती के घोषणा करे के संगेच इहां स्थित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के नामकरण वीर झाड़ा सिरहा के नाम म करे के घोषणा करिन। उमन दंतेश्वरी मंदिर म आधुनिक ज्योति कक्ष के निर्माण के घोषणा घलोक करिन।
मुरिया दरबार म सामिल होए बर सिरहासार पहुंचे म मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के स्वागत मांझी-चालकि मन कोति ले पारंपरिक पगड़ी पहिराके करे गीस। ये बेरा म उद्योग मंत्री अऊ बस्तर जिला के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसद अऊ बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष श्री दीपक बैज, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी, कोंडागांव विधायक श्री मोहन मरकाम, चित्रकोट विधायक श्री राजमन बेंजाम, दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा, बस्तर के माटी पुजारी श्री कमलचंद भंजदेव, क्रेडा अध्यक्ष श्री मिथिलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एमआर निषाद, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू संग जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण, मांझी, चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन, नाईक-पाईक, जोगी-पुजारी संग बस्तर दशहरा समिति के सदस्य उपस्थित रहिन।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ह ये बेरा म विश्व म सबले जादा दिन तक चलइया बस्तर के दशहरा के संचालन ल बहुत सुंदर बतात एखर खातिर बस्तर दशहरा समिति के सबो सदस्य अऊ प्रशासन ल बधाई दीन। उमन कहिन कि बस्तर दशहरा के कई विशेषता हे, जेखर सेती देश-विदेश के मनखे हर साल ये मा सामिल होए बर बस्तर आथें। शासन-प्रशासन अऊ पूरा बस्तर संभाग के मनखे जेन एकजुटता अऊ आपसी सहयोग के संग 75 दिन तक चलइया ये आयोजन ल सफल बनाथें, वो ह बस्तर दशहरा के बड़का विशेषता हे। उमन मनखे मन ल एकजूट रखे बर ये संस्कृति अऊ परंपरा मन ल जरूरी बतात एला सबले बड़े ताकत बताइन। उमन कहिन कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पीछू अपन संस्कृति अऊ परंपरा ल बचाए रखे के चिंता घलोक एक बड़का कारण रहिस। आज हम इही दिशा म प्राथमिकता के संग काम करत हवन।

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