जगदलपुर, 29 दिसम्बर 2020। अभी हाल परिदृश्य के तहत जलवायु बदलाव के रोकथाम अऊ प्राकृतिक संसाधन के प्रवर्धन म महिला मन के योगदान ल अनदेखा नइ करे जा सकय। एक अनुमान के मुताबिक बस्तर जिला के करीबन 50 ले 55 प्रतिशत महिला मन किसानी काम म प्रत्यक्ष अऊ अप्रत्यक्ष रूप ले अपन योगदान देवत हें।
इही कड़ी के एक उदाहरण बस्तर जिला के दरभा विकासखण्ड के ग्राम चिंगपाल के महिला कृषक श्रीमती रामबती हे। वो ह करीबन 15 साल ले परम्परागत कृषि मुख्यतः धान के वर्षा आधारित खेती करत रहिस। जेखर से कीट व्याधि, असमय वर्षा जइसे संकट मन के सेती वोला कम उपज प्राप्त होवत रहिस अऊ जादा आय नइ हो पात रहिस। पाछू कुछ बछर म इंमन कृषि विभाग के मैदानी अमला ले संपर्क करत रहिन अऊ तकनीकी कृषक पद्धति, उन्न्त बीज, कतार बुआई, संतुलित दूरी अऊ जैविक खेती के लाभ अऊ तकनीकी के ज्ञान पाईन जेकर प्रयोग इमन अपन खेती म करे लगिन। पहिली वो ह 0.80 हेक्टेयर क्षेत्र म धान के उत्पादन ले 7 हजार रूपिया के लाभ पावत रहिस, उहें पाछू साल खरीफ म 10 हजार 750 रूपिया कमाईय। महिला ल कृषि विभाग ले निःशुल्क प्रामाणित बीज, मिनीकीट अऊ आत्मा योजनान्तर्गत प्रशिक्षण अऊ भ्रमण कार्यक्रम म सम्मिलित करे गीस। जेखर से महिला ल दलहन-तिलहन फसल के उत्पादन के घलोक ज्ञान होइस अऊ महिला ह पाछू साल तिल के उत्पादन घलोक लीस जेखर से 0.60 हेक्टेयर क्षेत्र म 11.2 क्विंटल उत्पादन होइस अऊ 19 हजार 750 के शुद्ध आय होइस। ये प्रकार ले ये महिला ह एक साल म 30 हजार 500 रूपिया के लाभ खरीफ म लीस।